आध्यात्म की दृष्टि से भारत दुनिया भर में शानदार देश है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा और भी कई ऐसे तीर्थस्थल हैं, जहां भगवान भोलेनाथ के भव्य मंदिर हैं और कई विशेष अवसरों पर देश-दुनिया से शिवभक्तों की भीड़ जुटती है।खासकर महाशिवरात्रि के अवसर पर देशभर के असंख्य शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जयकारे गूंजते हैं। हर ओर भक्तिमय माहौल होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सात समंदर पार भी कई देशों में बम भोले के जयकारे लगते हैं।
देश में जम्मू कश्मीर में अमरनाथ, उत्तराखंड में केदारनाथ, गुजरात में सोमनाथ, उज्जैन में महाकाल, वाराणसी में काशी विश्वनाथ, भुवनेश्वर में लिंगराज, मध्य प्रदेश में खजुराहो जैसे अनेक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर हैं। इससे इतर भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी श्रद्धा और निष्ठा के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।
जम्मू कश्मीर: हमारे पड़ोसी हिंदू देश नेपाल का पशुपतिनाथ महादेव का मंदिर भी विश्वविख्यात है। नेपाली शैली का शानदार उदाहरण यह मंदिर 11वीं सदी में बनवाया गया था, जबकि 17वीं सदी में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। यह भव्य मंदिर करीब 4 हजार वर्गमीटर में फैला हुआ है। बागमती नदी के किनारे बने मंदिर में भगवान शिव यहां पंचमुखी शिवलिंग के रूप में पूजे जाते हैं। स्थानीय लोगों के अलावा भारतीय पर्यटक और अन्य देशों से लोग बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं।
नेपाल: बात करें पड़ोसी देश श्रीलंका की, तो त्रेतायुग में लंकापति रावण भगवान शिव के बहुत बड़े उपासक थे। यहां के छोटे से गांव मुनेश्वरम में भव्य स्थापत्य कला का प्रतीक शिव मंदिर है, जो दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में बनवाया गया है। इस परिसर में पांच मंदिर हैं, जिनमें सबसे सुंदर और बड़ा मंदिर भगवान शिव का है। इसका संबंध रामायण काल से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि लंका विजय के बाद भगवान राम ने यहां शिव की आराधना की थी। यहां सालों भर भारत से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।
श्रीलंका: स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में शिवा टेंपल के नाम से एक छोटा सा खूबसूरत मंदिर है। इस मंदिर के गर्भगृह में शिव लिंग के पार्श्व में नटराज रूप में शिव एवं देवी पार्वती की प्रतिमाएं हैं। न केवल महाशिवरात्रि, बल्कि भगवान शिव से जुड़े हरेक पर्व यहां भक्ति भाव के साथ मनाया जाता हैै।
स्विट्जरलैंड: ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में साल 1987 में शिवा-विष्णु मंदिर का निर्माण करवाया गया, जहां भगवान शिव और विष्णु के साथ अन्य देवी-देवता भी पूजे जाते हैं। मंदिर का उद्घाटन भारत के कांचीपुरम और श्रीलंका के 10 पुजारियों द्वारा कराया गया था। मंदिर की वास्तुकला भारतीय और ऑस्ट्रेलिया कला का मिश्रण है।
ऑस्ट्रेलिया: मलेशिया में स्थित अरुलमिगु श्रीराजा कली अम्मन मंदिर-जोहोर बरु में स्थित है। पहले मंदिर का रूप छोटा था, जो आज भव्य स्वरूप में परिवर्तित हो गया है। मंदिर का निर्माण साल 1922 के आसपास किया गया। करीब तीन लाख मोतियों को दीवार पर चिपका कर मंदिर के गर्भगृह की सजावट की गई है।
मलेशिया: न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में भगवान शिव नवदेश्वर शिवलिंग के रूप में पूजे जाते हैं। इस मंदिर का निर्माण महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र महाराज एवं यज्ञ बाबा के मार्गदर्शन में हिन्दू शास्त्रों के अनुरूप कराया गया था। साल 2004 में इस शिव मंदिर को भक्तों के लिए खोला गया।
न्यूजीलैंड: इन मंदिरों के अलावा दुनियाभर के कई देशों में भगवान शिव के मंदिर हैं, जहां पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा की जाती है। मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में भी भगवान शिव का मंदिर है, वहीं कैलिफोर्निया के लिवेरमोरे में और इंडोनेशिया के जावा द्वीप में भी भगवान भोलेनाथ के मंदिर हैं। भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी वाले मॉरीशस में तो भगवान शिव की पूजा देखने लायक होती है।
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