बिलासपुर। परिजनों से नाराज होकर घर से भागी एक नाबालिग लड़की को 50 हजार रूपये में बेचकर एक विधूर से शादी कराने का प्रयास करने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में बिलासपुर की रक्षा टीम ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें महिलाएं भी शामिल है।
बिलासपुर पुलिस ने आज इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस की रक्षा टीम को जिले के मंगला बस्ती धुरी पारा का एक परिवार द्वारा एक नाबालिग बच्ची को संदेहास्पद तरीके से 18-20 दिन से अपने घर में रखे होने की जानकारी मिली। रक्षा टीम जब उक्त घर पहुंचकर वहां रहने वाले शशि चतुर्वेदी पिता राजाराम चतुर्वेदी जो पेशे से ऑटो चालक से नाबालिग के बारे में पूछताछ की गई तो उसने लड़की को अपनी बहन बताते हुए टीम को गुमराह करने का प्रयास करने लगा। रक्षा टीम ने संदेह के आधार पर इस मामले की जानकारी तत्काल नोडल अधिकारी निमिषा पांडेय एवं उप पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू बिलासपुर को दी।
जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग को आरोपियों के चंगुल से निकालकर बिलासपुर लेकर पहुंची। यहां जब नाबालिग से बातचीत की गई तो उसने पुलिस को जो जानकारी दी उसे सुनने के बाद सभी के होश उड़ गए। पुलिस के अनुसार नाबालिग लड़की कवर्धा जिले के दामापुर की रहने वाली है और 30 जनवरी को माता-पिता से किसी मामूली बात पर विवाद होने के बाद वो घर से भाग कर बिलासपुर आ गई थी। यहां मंगला चौक पर खड़े रहने के दौरान आरोपी आटो चालक उसे बहला-फुसलाकर काम का झांसा देकर अपने घर लेकर आया और यहां 50 हजार रुपए में सौदा कर कथित तौर पर उसकी शादी मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला के ग्राम बिरमढाना निवासी देव उर्फ देशराज जाटव पिता लाखन सिंह से करवा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में शशि चतुर्वेदी पिता राजा राम चतुर्वेदी, देव उर्फ देशराज जाटव निवासी ग्वालियर, राजा राम चतुर्वेदी निवासी मंगला, फुलवती पति मुन्ना राज निवासी जिला ग्वालियर, चंपा बाई सिवारे निवासी छतौना-चकरभाठा, रोला पति करणा राम बंजारे निवासी तेंदूवा थाना कोटा और शालिनी चतुर्वेदी पति शशि चतुर्वेदी निवासी मंगला धुरी पारा को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई कर रही है। नाबालिग के मिलने की सूचना उसके परिजनों को भेज दी गई है।
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