नई दिल्ली। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर के तबादले पर राजनीति किए जाने को लेकर कांग्रेस की गुरुवार को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि तबादले की अधिसूचना निर्धारित प्रक्रिया के तहत जारी की गई है। प्रसाद ने कांग्रेस के आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसा के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया है। इसके लिए सभी कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया। विधि एवं न्याय मंत्री ने कहा कि रूटीन तबादले का राजनीतिकरण करके कांग्रेस ने न्यायपालिका का एक बार फिर अपमान किया है।
भारत के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को ठुकरा दिया है, इसलिए उसने देश के हर संस्थान को नीचा दिखाने का बीड़ा उठा लिया है। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट जज बी एच लोया की मौत मामले का निपटारा उच्चतम न्यायालय ने कर दिया है। जो इस मामले में फैसले पर सवाल उठा रहे हैं उनके मन में शीर्ष अदालत के प्रति कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा, “क्या राहुल गांधी खुद को उच्चतम न्यायालय से ऊपर मानते हैं?” कानून मंत्री ने कहा, “हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं लेकिन न्यायपालिका की आजादी से समझौते का कांग्रेस का पुराना रिकॉर्ड रहा है। आपातकाल के दौरान उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की वरीयता को दरकिनार कर दिया गया था।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल तभी खुश होती है, जब उसके मन में मुताबिक फैसला होता है अन्यथा वह न्यायपालिका का अपमान करती है।
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