रायबरेली। शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मैरिज लॉन एवं होटल प्रतिष्ठान खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए, अत्यधिक तीव्र ध्वनि में डीजे लाउडस्पीकर, बैंड-बाजा सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित गाइडलाइन नियमानुसार 10:00 बजे के बाद बजाए जाते हैं। बड़े ही आश्चर्य की बात है कि शहर कोतवाली से चंद कदमों की मीटर की दूरी पर एवं जिला अस्पताल से चंद कदमों की दूरी पर एवं रिहायशी इलाकों में बने। इन प्रतिष्ठानों में शाम ढलते ही और हुड़दंग शुरू हो जाता है। जो मध्य रात्रि तक बिना किसी रोक-टोक के बेखौफ चलता रहता है। सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है और कानून के रखवाले को इसकी खबर तक नहीं लगती है। शाम ढलते ही इन संस्थानों एवं प्रतिष्ठानों में हर्ष फायरिंग भी देखने को मिलती है इसको माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायालय से पूरी तरह से बंद कर रखा गया है सड़क पर यातायात व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाती हैं शोर-शराबा इतना होता है कि बातचीत भी करना मुश्किल हो जाता है विरोध करने पर प्रतिष्ठानों एवं मैरिज संस्थान में आए लोगों से अमादा फौजदारी होती है शिकायत करने पर स्थानीय प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता है उल्टे शिकायतकर्ता को ही नसीहत दी जाती है शहर के अंदर इस तरह के माहौल बन जाता है कि लोगों का ढलते ही घर से निकलना मुश्किल हो जाता है और घरों के अंदर रहना एवं रात्रि में सोना भी मुश्किल हो जाता है विशेष तौर पर बुजुर्गों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाएं प्रारंभ होने वाली है रिहायशी इलाकों में बने हुए प्रतिष्ठान में होने वाले शोर शराबों से परीक्षार्थियों का भविष्य संकट में है तो वहीं दूसरी तरफ प्रतिष्ठानों के मालिक मानक को ताक पर धरकर कानून का खुलेआम उलंघन कर रहे हैं स्थानीय प्रशासन या तो इससे अनजान है या फिर ऐसे प्रतिष्ठान एवं संस्थानों के संचालक से विशेष लाभ प्राप्त कर इन्हें मनमानी करने की खुली छूट दे रखी है इस विषय पर जब जनप्रतिनिधियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की अव्यवस्था समाज में नहीं होनी चाहिए नहीं होनी इस पर शासन और प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देते हुए तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्यवाही करते हुए निर्धारित समय सीमा के बाद कानून का उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर इन पर तत्काल एवं कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ऐसा नहीं होता है तो समाज में अव्यवस्था बनी रहेगी और एवं मैरिज लॉन संस्थानों के संचालकों के हौसले बुलंद रहेंगे और खुलेआम कानून का मजाक उड़ाते रहेंगे समाज में अप्रिय घटनाएं घटित होने की संभावनाएं बनी रहेंगी और जिम्मेदार और कानून के रखवाले यदि इसी तरह मूकदर्शक बने रहे तो शहर में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से फ्लॉप हो जाएगा जिसकी एक बड़ी कीमत आम जनमानस को चुकानी पड़ सकती है।
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