इस बार शिवरात्रि पर तीन महासंयोग, आराधना का मिलेगा लाभ
शक्ति का अद्भुत मिलन शिव आराधना का महाशिवरात्रि पर्व है । इस बार यह संयोग 21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व शश, सुस्थिर व सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ योगों के बीच मनेगा। इन योगों के चलते इस दिन की शुभता में बढ़ोतरी होगी, वही श्रद्धालुओं द्वारा की गई साधना उपासना का उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होगा। शिवालयों में इस दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना, जलाभिषेक दुग्धाभिषेक व रात्रि जागरण के आयोजन होंगे। महाशिवरात्रि पर इस बार 29 साल बाद शश योग रहेगा। इसकी वजह यह है कि शनि 29 साल बाद अपनी राशि मकर में है। इसी तरह गुरु भी अपनी राशि धनु में स्थित है। ऐसी स्थिति और चंद्र शनि के 1,4,7 या दसवें स्थान पर होने पर यह योग निर्मित होता है। इस योग में की गई पूजा जातक के लिए विशेष फलदायी होती है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि व सुस्थिर योग भी रहेंगे। श्रवण नक्षत्र और चतुर्दशी के एक साथ होने पर यह योग बनते हैं। यह दोनों योग भी शुभ माने गए हैं। इस दिन की गई पूजा का विशेष फल मिलता है।
शुभता में बढ़ोतरी करेगा तीन योगों का संयोग
इस बार महाशिवरात्रि पर चंद्र शनि की मकर में युति के साथ पंच महापुरुष योग बन रहा है, इसे शश योग भी कहते हैं। श्रवण नक्षत्र में आने वाली शिवरात्रि और मकर राशि के चंद्रमा का योग बनती है। यह संयोग शनि के मकर राशि में होने से और चंद्र का गोचर क्रम में शनि के अधिपत्य वाली मकर राशि में होने से शश योग का संयोग बन रहा है। इस दिन रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा करना चाहिए।
शिवरात्रि है सिद्धि रात्रि......
21 फरवरी को विभिन्न अनुष्ठानों के बीच मनेगा पर्व
शश योग कई जातकों की कुंडली में भी होता है। इस योग वाले जातकों को शिवरात्रि पर शिव की विशेष उपासना का श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है। यह योग हंस योग, मालव्य व रूचक योग की बातें उतना ही विशेष होता है। साधना की सिद्धि के लिए दीपावली के बाद महाशिवरात्रि को सिद्धी रात्रि माना गया है....
'प्रिंस गुप्ता'
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