नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई पर तैयार हो गया, जिसमें दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के शवों को संग्रह करने की मांग की गई थी। अधिवक्ता महमूद पारचा द्वारा मामले का उल्लेख करने पर मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की मंजूरी दे दी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर और गोकुलपुरी में रविवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा पैदा हो गई थी, जिसमें अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 200 लोग घायल हो चुके हैं। हिंसा के बाद मृतकों के परिजनों को हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से शव निकालने, शवों को अस्पताल पहुंचाने या पोस्टमार्टम के बाद शव लेने तक में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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