रविवार, 23 फ़रवरी 2020

सीएए-एनपीआर का समर्थन कर फंसे उद्धव

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि वह सीएए और एनपीआर का समर्थन करेंगे। उनके इस फैसले ने उनकी नई सहयोगी पार्टियों को चौंका दिया है और उन्होंने उन्हें अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की सलाह दी है क्योंकि राज्य में तीन पार्टियों का गठबंधन है। जहां ठाकरे के इस फैसले ने महा विकास अघाड़ी में खींचतान बढ़ाने का काम किया है। वहीं कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) उनपर अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का दबाव बना रही हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि ठाकरे को सीएए और एनपीआर पर ज्यादा जानकारी दी जानी चाहिए। शरद पवार और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने ठाकरे से इस विषय पर बातचीत की।


इसी बीच राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट का कहना है कि वह रविवार को मुख्यमंत्री से मिलेंगे ताकि यह जानने की कोशिश की जा सके कि उन्होंने सीएए-एनपीआर पर फैसला क्यों लिया। कांग्रेस और एनसीपी दोनों ने यह साफ कर दिया है कि वह राज्य में एनपीआर लागू नहीं होने देंगे और ठाकरे के बयान से गठबंधन में चल रही अनबन को बल मिला है। तिवारी ने ट्वीट कर कहा 'ठाकरे को यह जानने की जरुरत है कि कैसे एनपीआर एनआरसी का आधार था। यदि एक बार आप एनपीआर लागू करते हैं तो आप एनआरसी को नहीं रोक पाएंगे।' सीएए को लेकर तिवारी ने उद्धव से कहा कि उन्हें यह बताए जाने की जरूरत है कि भारतीय संविधान के तहत धर्म नागरिकता का आधार नहीं हो सकता। दोनों पवार के सा़थ हुई उद्धव की बैठक में एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह सुझाव मिला है कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों को मिलकर सीएए और एनपीआर पर अध्ययन करना चाहिए। अजित पवार ने कहा, 'हमारी मुख्यमंत्री के साथ अच्छी बैठक हुई। सीएए और एनपीआर के अलावा हमने उन मुद्दों पर चर्चा की जो राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सामने आएंगे।'


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