नई दिल्ली। निर्भया के चारों गुनहगारों का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। चारों दोषियों को तीन मार्च को फंदे पर लटका दिया जाएगा। चारों दोषियों में से तीन ने फांसी टालने के लिए सारे कानूनी दांव-पेच आजमा लिए हैं। केवल पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का विकल्प है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि तीन मार्च को सुबह छह बजे चारों दरिंदों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। अगर ये चारों फांसी को कुछ दिन टालना चाहते हैं तो इनके पास कानूनी दांव-पेच के अलावा भी विकल्प है।
खुद को चोटिल करके फांसी टाल सकते हैं दोषी
फांसी के फंदे पर लटकाए जाने से पहले किसी भी दोषी का अच्छे से मेडिकल चेकअप किया जाता है। इस बात का ख्याल रखा जाता है कि फंदे पर लटकने से पहले दोषी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो। यहां तक की फांसी के तख्त पर ले जाने से तुरंत पहले दोषी का ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान आदि की जांच की जाती है।
अगर दोषी खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उसके स्वस्थ्य होने तक फांसी टल सकती है। साथ वजन कम होने की स्थिति में भी फांसी टल सकती है। निर्भया के दोषी अच्छे से जानते हैं कि अगर वे खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उनकी फांसी कुछ दिनों के लिए टल जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखकर दोषी विनय जेल के ग्रिल्स में अपना हाथ फंसाकर फ्रैक्चर करने की भी कोशिश कर चुका है।
उसके वकील एपी सिंह ने कहा कि यह घटना 16 फरवरी को हुई थी और विनय की मां ने उन्हें अगले दिन इसकी जानकारी दी थी। 17 फरवरी को विनय ने अपनी मां को पहचानने से भी इनकार कर दिया था। सिंह ने कहा कि विनय की मानसिक अवस्था ठीक नहीं है और नया डेथ वॉरंट जारी होने के बाद से उसकी दिमागी हालत बिगड़ गई है।
दीवार पर सिर पटक चुका है विनय
इसके अलावा विनय जेल की दीवार से अपना सिर भी पटक चुका है। हालांकि समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने उसे गंभीर रूप से घायल होने से बचा लिया। घटना के बाद चारों दोषियों की सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है। विनय पहले भी जेल में खुदकुशी की कोशिश कर चुका है।
जेल के जानकार बताते हैं कि फांसी की सजा मुकर्रर होने के बाद दोषियों को कड़ी निगरानी में रखा जाता है। कई बार दोषियों पर नजर रखने के लिए चौबिसों घंटेसुरक्षाकर्मी को तैनात कर दिया जाता है। बैरक में की जाने वाली उसकी सारी हरकतों पर नजर रखी जाती है। हालांकि खुद को चोटिल करके कोई भी दोषी अपनी फांसी को टाल तो सकता है, लेकिन उसे खत्म नहीं कर सकता है।
फांसी से बचने के लिए किसके पास क्या विकल्प
चारों दोषियों में से तीन से फांसी से बचने या उसे टालने के सारे विकल्प आजमा लिए हैं। तीनों दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश सिंह की पुनर्विचार याचिका, क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका खारिज हो चुकी है। केवल पवन ही एक ऐसा दोषी है जिसके पास फांसी टालने के लिए क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दाखिल करने का विकल्प है।
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