आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर जातिवार जनगणना कराने की मांग की जिसको लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। पक्ष और विपक्ष के बीच हो रहे हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 35 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। फर्जी मुठभेड़ों का आरोप लगाकर सपा सदस्यों ने किया बहिर्गमन।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने राज्य पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ की घटनाएं अंजाम देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सदन से बहिर्गमन किया। बसपा सदस्य श्याम सुंदर शर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से जानने की कोशिश की कि प्रदेश में एक जुलाई 2017 से 30 सितम्बर 2018 के बीच फर्जी मुठभेड़ और पुलिस द्वारा हत्या के कितने मामले दर्ज हुए।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इसके जवाब में कहा कि इस दौरान लखनऊ में केवल एक मामला दर्ज हुआ जिसमें सम्बन्धित पुलिसकर्मी को न सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि उसे बर्खास्त भी किया गया। शर्मा ने जब जवाब को गलत बताया तो खन्ना ने कहा कि उनसे फर्जी मुठभेड़ के बारे में पूछा गया था, उन्होंने उसी का जवाब दिया है। उन्होंने कहा च्च्हम किसी भी मुठभेड़ को फर्जी मानते ही नहीं है। प्रदेश में एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई है।
सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में पुलिस द्वारा अत्याचार और फर्जी मुठभेड़ की वारदात में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने ऐसी घटनाओं में मारे गये लोगों के परिजन को मुआवजा देने की मांग भी की। उसके बाद चौधरी तथा अन्य सपा सदस्य सदन से बाहर चले गये।
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