नई दिल्ली। लैपटॉप को चार्ज करते समय शॉर्ट सर्किट से शनिवार शाम करीब चार बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-32डी के एक गर्ल्स पीजी में आग लग गई। अवैध रूप से संचालित इस पीजी में कुल 30 कमरे बने हुए हैं। आग एक कमरे में लगी और तेजी से फैल गई। धुएं से पीजी में मौजूद छात्राओं का दम घुटने लगा। हादसे के समय करीब 25 छात्राएं पीजी में मौजूद थीं। शोर मचते ही इनमें से 20 निकलने में कामयाब हो गईं, जबकि पांच छात्राएं धुएं और आग में फंस गईं।
दम घुटने और झुलसने से इनमें से तीन की मौत हो गई जबकि दो छात्राओं ने बिल्डिंग की पहली मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि पीजी की पहली मंजिल जलकर पूरी तरह राख हो गई। सूचना पर पहुंचीं दमकल की पांच गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर करीब दो घंटे बाद काबू पाया। हादसे में हिसार के लक्ष्मी नगर निवासी मुस्कान (21) की झुलसने जबकि कोटकपूरा (पंजाब) के सत्य बाजार निवासी पाक्षी ग्रोवर (20) और कपूरथला (पंजाब) निवासी रिया अरोड़ा (19) की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई। गनीमत रही कि हादसे के वक्त पीजी में ज्यादा लड़कियां नहीं थीं, अगर हादसा रात में या सुबह में होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। सेक्टर-34 थाना पुलिस ने कोठी मालिक गौरव अनेजा और पीजी संचालक नीतेश बंसल व नीतेश पोपली के खिलाफ मामला दर्जकर नीतेश बंसल को गिरफ्तार कर लिया है।
दो बार पहले भी पीजी में लगी थी आग, केस भी हो चुका है दर्ज
सेक्टर-32डी के इस अवैध पीजी में पिछले एक साल में आग की यह तीसरी घटना है। इससे पहले आग पीजी स्थित एक रूम में एसी और मेन तार केबल में लग चुकी है जबकि यह आग पहली मंजिल में रहने वाली एक छात्र के कमरे में लगी। बताया गया कि कालेज से लौटने के बाद आयुष्का नामक छात्रा ने अपने कमरे में लैपटॉप को चार्ज पर लगाकर पीजी के बाहर आ गई। इस दौरान चार्जर में शार्ट सर्किट हो गया। इस कारण आग लगी और आग ने विकराल रूप ले लिया। वहीं पुलिस के अनुसार, बीते 30 नवंबर को सेक्टर-34 थाना पुलिस ने नियमों के उलंघ्घन करने पर पीजी संचालक नीतेश बंसल के खिलाफ आईपीसी 188 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद नीतेश ने कोर्ट में इसका जुर्माना भरा। बावजूद इसके पीजी संचालक नहीं सुधरे और फिर से बिना अनुमति के छात्राओं को किराए पर कमरा दिया।
हादसे की जांच के आदेश, एडवाइजर ने डीसी की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
सेक्टर-32डी के गर्ल्स पीजी में आग लगने की घटना ने चंडीगढ़ प्रशासन की ‘स्मार्टनेस’ की पोल खोलकर रख दी है। हादसे के बाद एडवाइजर मनोज परिदा ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी डीसी मंदीप सिंह बराड़ को सौंप दी है। साथ ही जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने के आदेश दिए हैं। हालांकि एडवाइजर की तरफ से इस जांच के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
इन चीजों का नुकसान
इस आग में लाखों रुपये के सामान जलकर राख हो गया, जिसमें बेड, कपड़े, लैपटॉप, मोबाइल, कैश, किताबें, जरूरी कागजात समेत अन्य सामान जलकर राख हो गया। घटना के बाद फायर ब्रिगेड की टीम देर रात तक आग के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है।
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