नई दिल्ली। वैश्विक अर्थव्यवस्था के ताजा हालातों को लेकर जी-20 देशों के वित्त मंत्री और इनके केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने दो दिन की चर्चा के लिए एकत्रित हुए। डिजिटल कंपनियां गूगल, फेसबुक और अमेजन से कर वसूलने को लेकर जी-20 देशों के अधिकारी शनिवार को एकजुट नजर आए। अधिकारियों ने कहा, दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं को इन कंपनियों से कर वसूलने की चुनौतियों से निपटने को एकता दिखानी होगी। डिजिटल कंपनियों से कर वसूलने के लिए आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन वैश्विक नियम तैयार कर रहा है। नियम ऐसे होंगे कि कंपनियां वही भुगतान करें जहां वे व्यापार कर रही है, न कि सिर्फ उस देश को जहां वे पंजीकृत है। ओईसीडी का कहना है कि इससे प्रति वर्ष कुल 100 अरब डॉलर का राष्ट्रीय कर राजस्व बढ़ सकता है।
कई अधिकारियों ने कहा, यह नियम हर देश की सरकार को बड़ी कमाई करने वाली ऐसी कंपनियों से अपना कानूनी हिस्सा लेने का अधिकार देगा। तकनीकी बदलाव के दौर में वित्तीय बाजार और कारोबार को भी नवीन नीतियों की जरूरत है। नियमों में सुधार कर बड़ी कंपनियों की कर चोरी पर लगाम कसनी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार बड़ी डिजिटल कंपनियां वैश्विक स्तर पर 35 लाख करोड़ रुपये की सालाना कर चोरी करते हैं। जबकि भारत में फेसबुक के करीब 30 करोड़ उपभोक्ता है। वही भारत डिजिटल शॉपिंग का बड़ा गढ़ बनता जा रहा है, इससे अमेजन जैसी कंपनियां बड़ा मुनाफा कमा रही है। ऐसे में नियमों के लागू होने से भारत को कर के रूप में बड़ा राजस्व प्राप्त हो सकता है।
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