नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक संकट घोषित किया है। चीन में अब तक इस वायरस से 170 लोगों की मौत हो चुकी है।
18 देशों में यह वायरस फैल चुका है। WHO के हालिया डेटा के अनुसार दुनिया भर में कोरोना वायरस के 7,800 मामले पाए गए हैं। इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर में एक अवैध वाइल्ड लाइफ मार्केट से हुई थी।
चीन के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना वायरस के 100 और मामले पाए गए हैं। इस वायरस के कारण लोग चीन का दौरा रद्द कर रहे हैं। चीन को लेकर दुनिया भर में नकारात्मक छवि बन रही है। इस वायरस के डर से फेस मास्क की भी मांग बढ़ी है। WHO के महानिदेशक टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने जेनेवा में एक न्यूज़ कॉन्फ़्रेंस में इस वायरस से निपटने में चीन की सक्रियता की तारीफ़ की लेकिन उन्होंने इस वायरस के बाक़ी के देशों में फैलने को लेकर चिंता भी जताई।
उन्होंने कहा, ''वैश्विक संकट केवल चीन को लेकर घोषित नहीं किया गया है। वैश्विक संकट बाक़ी के देशों में कोरोना के मामले पाए जाने के कारण किया गया है। हमारी चिंता यह है कि जिन देशों में यह वायरस फैल रहा है वहां के हेल्थ सिस्टम बहुत ही ख़राब हैं।''
WHO के इस क़दम से सभी देशों के बीच कोरोना वायरस से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर सख़्ती बरती जाएगी। हालांकि चीन के लिए यह मुश्किल खड़ा करेगा।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस
विशेषज्ञ इस बात से चिंतित हैं कि चीन से बाहर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके फैलने की आशंका है। अमरीका और इटली में भी कोरोना वायरस का मामला सामने आया है। कारोबारियों का कहना है कि WHO ने चीन आने-जाने पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि एयर फ़्रांस, अमरीकन एयरलाइंस और ब्रिटिश एयरवेज़ ने चीन से अपनी उड़ानें बंद कर दी हैं। चीन को इससे बड़ा आर्थिक नुक़सान हो रहा है।
चीन में मल्टिनेशनल कंपनियां भी कोरोना वायरस के कारण बिज़नेस बंद कर रही हैं। अल्फ़ाबेट इंक गूगल और स्वीडन IKEA ने चीन में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है। वुहान में म्यांमार के 60 स्टूडेंट फंसे हुए हैं। इन 60 छात्रों में से एक सी थु तुन ने ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल डेमोक्रेटिक वॉइस ऑफ बर्मा से कहा, ''लगभग दुकानें बंद हैं। हमलोग बाहर जाकर खाने के लिए कुछ ख़रीद भी नहीं सकते हैं। सच कहूं तो मेरे पास एक आलू, नूडल्स के तीन पैकेट और थोड़े चावल बचे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने WHO को 2005 में वैश्विक स्तर पर इस तरह की हेल्थ इमर्जेंसी घोषित करने का अधिकार दिया था। उसके बाद से यह छठवीं बार है जब वैश्विक स्तर पर हेल्थ इमर्जेंसी घोषित की गई है। WHO ने चीन आने-जाने पर रोक नहीं लगाई है। WHO ने कहा कि चीन से लगी सीमा को अगर कोई देश बंद करता है तो वो इसका विरोध करेगा। हालांकि WHO ने रूस का नाम नहीं लिया। रूस ने चीन से लगी अपनी सीमा के कई हिस्सों को बंद कर दिया है और चीन के लोगों का वीज़ा भी रद्द कर दिया है।
WHO के इस क़दम से टूरिज़म इंडस्ट्री प्रभावित होने की बात कही जा रही है। लोग चीन जाने से परहेज करने लगेंगे। जापान ने भी वुहान से अपनी उड़ान बंद कर दी है। चीन ने कहा है कि वो कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम है और लगातार काबू पाने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्ट-त्रिलोकी नाथ
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