ट्रिब्यून फ्लाईओवर: प्रशासन नहीं ले पाया कोई फैसला, सांसद का मत- पक्ष में हो रिपोर्ट
आमित शर्मा
चंढीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा ट्रिब्यून फ्लाईओवर की जगह अन्य विकल्प तलाशने के आदेश पर चंडीगढ़ प्रशासन अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। शहरवासियों की तरफ से दिए सभी सुझावों को प्रशासन रद्द कर चुका है, ऐसे में वह हाईकोर्ट को क्या विकल्प दें, इसको लेकर अधिकारी असमंजस की स्थिति में हैं। सांसद किरण खेर का मत है कि प्रशासन फ्लाईओवर के पक्ष में रिपोर्ट दे लेकिन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाए हैं।12 फरवरी को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में प्रशासन ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की है। फ्लाईओवर के मुद्दे पर अमर उजाला ने प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें कोई अन्य विकल्प नहीं सूझ रहा। ऐसे में प्रशासन कोर्ट के सामने कई प्रस्ताव रखने वाला है। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन के अधिकारी यह भी सोचकर चल रहे हैं कि रिपोर्ट कुछ भी हो, उसके खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का रुख जरूर करेंगे। वहां पर केस लटक जाएगा और फिर पूरा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला जाएगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए यूटी प्रशासन हाईकोर्ट में तीन-चार विकल्प देने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट में यह बताएंगे कि ट्रिब्यून चौक पर सिग्नल फ्री इंटरचेंज का प्रस्ताव सफल नहीं हो पाएगा। इससे एक-दो साल लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी लेकिन यह पक्का रास्ता नही होगा। कुछ ही सालों बाद वहां फिर से जाम लगने लगेगा। इसलिए वह कोई पक्का रास्ता निकालना होगा। कहा कि, अगर मंजूरी मिलती है तो वह हाईकोर्ट को बताएंगे कि कैसे वह विभिन्न चरणों में फ्लाईओवर का निर्माणकार्य पूरा करेंगे। इसके बाद वह हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट इस फ्लाईओवर के लिए पेड़ों की कटाई करने पर रोक लगा चुका है। सैकड़ों पेड़ों के काटे जाने पर चिंता जताते हुए कहा था कि पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मामला है। लिहाजा पहले यहां की ट्रैफिक की समस्या के लिए फ्लाईओवर के अलावा कोई अन्य विकल्प है तो उस पर भी गौर किया जाना बेहद जरूरी है, ताकि इन सैकड़ों पेड़ों को बलि दिए जाने से बचाया जा सके। सांसद का मत, फ्लाईओवर के पक्ष में रिपोर्ट दे प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सांसद किरण खेर चाहती हैं कि प्रशासन अपनी रिपोर्ट में साफ कहे कि उन्होंने हर तरह का सर्वे कर लिया है और ट्रिब्यून चौक पर लगने वाले जाम से निपटने के लिए फ्लाईओवर ही एकमात्र रास्ता है। हालांकि अभी तक प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने अपना रुख साफ नहीं किया है। जानकारी के अनुसार इस बारे प्रशासक से भी चर्चा की जाएगी और अगर वह भी फ्लाईओवर के पक्ष में दिखाई देते हैं तो प्रशासन फ्लाईओवर के पक्ष में रिपोर्ट कोर्ट में सौंप सकता है। एडवाइजरी काउंसिल में भी जा सकता है ट्रिब्यून फ्लाईओवर का मुद्दा हाईकोर्ट में ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर अगली सुनवाई 26 मार्च को है। ऐसे में ट्रिब्यून फ्लाईओवर का मुद्दा एडवाइजरी काउंसिल में भी जा सकता है। अधिकारी यह भी मानकर चल रहे हैं कि प्रशासक वीपी सिंह बदनौर इस मुद्दे पर आखिरी फैसला लेने के लिए इसे एडवाइजरी काउंसिल में भी भेज सकते हैं। इस काउंसिल में विभिन्न क्षेत्रों के लोग सदस्य हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से और भी समय की मांग कर सकता है। बता दें कि 23 दिसंबर को प्रशासन ने यूटी गेस्ट हाउस में जन सुनवाई की थी। इस दौरान 72 लोगों ने लिखित और बोलकर सुझाव दिए जबकि 8 लोगों ने प्रेजेंटेशन के जरिए अपनी बात कही। इसके बाद वित्त सचिव अजॉय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एक टेक्निकल कमेटी का गठन किया गया, जिसने आठों प्रेजेंटेशन को देखा। कमेटी ने 7 प्रस्तावों को रद्द कर एक तरुण माथुर के सिग्नल फ्री इंटरचेंज को विस्तृत रुप से समझने के लिए अलग से बैठक रखी। बैठक के बाद कमेटी ने उस प्रस्ताव को भी रद्द कर दिया।
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