बिहार पुलिस मुख्यालय की सख्ती! लंबित पड़े आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। जितने मामले दर्ज होते हैं उससे ज्यादा कांडों का निपटारा हर हाल में करना होगा।
पटना। मुख्यालय ने जिला पुलिस को लंबित मामलों के निष्पादन के लिए यह टास्क सौंपा है। दर्ज होनेवाले मामलों की जितनी संख्या होगी, उससे 20 प्रतिशत ज्यादा पुराने कांडों का अनुसंधान पूरा कर फाइनल रिपोर्ट देनी होगी और चार्जशीट करनी है।
पुलिस मुख्यालय ने जिला पुलिस को लंबित मामलों के निपटारे के लिए टास्क सौंपने के साथ उसकी समीक्षा भी शुरू कर दी है। जिलास्तर पर कितने केस पेंडिंग हैं और कितने का निपटारा हुआ इसकी छानबीन हर महीने होगी। फील्ड में पोस्टेड एसपी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं कितने मामले निपटाए गए व कितने लंबित हैं, इसकी जानकारी हर माह मुख्यालय को देंगे। मुख्यालय की सख्ती के बाद स्थिति बदल रही है। 24 हजार के करीब मामलों का निपटारा हो रहा है। कई जिलों का परफार्मेंस काफी बेहतर है।
89 हजार 920 विशेष अपराध के मामले लंबित
बिहार में एक लाख 64 हजार 615 मामले लंबित थे। यह आंकड़ा 1 जनवरी 2020 तक का है। इसमें 89 हजार 920 मामले विशेष अपराध (एसआर) और 74 हजार 695 मामले सामान्य अपराध (नन एसआर) के हैं। पुलिस मुख्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक महीने करीब 20 हजार केस रिपोर्ट होते हैं।
जिला पुलिस को दर्ज कांडों से 20 प्रतिशत ज्यादा मामलों के निपटारे का लक्ष्य दिया गया है। एसपी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अभियान चलाते रहेंगे। मुख्यालय की नजर जिला पुलिस के कामकाज पर है। हर महीने इसकी समीक्षा होगी। – जितेन्द्र कुमार, एडीजी मुख्यालय
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