मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

अदरक के उत्तम उत्पादन में सेंधमारी

देहरादून। उद्यान विभाग विगत 20-30 वर्षो से 10 से 15 करोड़ रुपए का अदरक बीज उत्तर पूर्वी राज्यों से दलालों के माध्यम से मंगाता आ रहा है। यह बीज कृषकों को न तो समय पर मिलता है और न ही इस बीज से अच्छी उपज प्राप्त होती है। हिमांचल प्रदेश की तरह राज्य में कभी भी अदरक बीज उत्पादन के प्रयास नहीं किए गए। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में, नगदी फसल के रूप में अदरक का उत्पादन कई दशकों से किया जा रहा है। विभागीय आकडों के अनुसार 4,876 हैक्टियर में अदरक की कास्त की जाती है, जिससे 47,120 मैट्रिक टन का उत्पादन होता है। उद्यान विभाग विगत 20-30 वर्षों से पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, मेघालय व अन्य राज्यों से सामान्य किस्म के अदरक को प्रमाणित/ ईमानदार बीज के नाम पर रियोडी जिनेरियो किस्म बता कर 10 से 15 करौड रुपये का अदरक प्रतिवर्ष क्रय कर राज्य के कृषकों को बीज के नाम पर बांटता आ रहा है।अदरक बीज के आपूर्ति करने वाले (दलाल) इन राज्यों की मंडियों से 10-15 रुपये प्रति किलो की दर से क्रय करते हैं, तथा अदरक बीज के नाम पर उद्यान विभाग 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से इन दलालों के माध्यम से क्रय कर, राज्य में कृषकों को योजनाओं के अंतर्गत वितरित करता आ रहा है। जिस पर 50 प्रतिशत का अनुदान विभाग द्वारा दिया जाता है। बता दें कि, अदरक बीज की खरीद पर कई बार सवाल उठे हैं, तथा विवाद भी हुए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में भी अदरक बीज खरीद प्रकरण खूब चर्चाओं में रहा। समय-समय पर जब अदरक बीज खरीद पर सवाल उठते है, तो विभाग के एक-दो अधिकारियों को निलंबित कर, या बीज आपूर्ति कर्ता को ब्लेक लिस्ट कर प्रकरण वहीं समाप्त कर दिया जाता है।


डाँ. राजेंद्र कुकसाल


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...