इंदौर। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज मध्यप्रदेश के विश्व प्रसिद्ध महालेश्वर मंदिर के शहर उज्जैन और वाराणसी को जोड़ने के लिए शीघ्र ही नयी सर्वसुविधायुक्त ट्रेन चलाने की घोषणा की। गोयल ने यहां पत्रकारवार्ता में कहा कि यह ट्रेन शीघ्र ही चलायी जाएगी, जो इंदौर से उज्जैन होते हुए वाराणसी तक जाएगी और इसी रूट से वापस इंदौर आएगी। इस ट्रेन का नामकरण भी महाकालेश्वर से जोड़कर रखा जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि पर्यटन के दृष्टिकोण से सरकार भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन को विश्वकाशी (वाराणसी) से जोड़ना चाहती है। इसके अलावा यह ट्रेन विश्व प्रसिद्ध दोनों धार्मिक नगरों को एक दूसरे से जोड़ देगी। उज्जैन में महाकाल मंदिर के दर्शन के बाद अल्प समय के लिए इंदौर पंहुचे रेल मंत्री के लिए आज सुबह स्थानीय रेल प्रबंधन ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की थी। बताया गया है कि महाकाल मंदिर के दर्शन के बाद ही गाेयल के मन में यह ट्रेन चलाने की बात आयी और उन्होंने इंदौर आकर इसकी घोषणा कर दी।
एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि निजी कम्पनियों की ओर से ट्रेनों के संचालन को लेकर कहीं कोई हल्ला-विरोध नहीं हैं। बल्कि निजी ट्रेन संचालकों को सभी जगह से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। गोयल ने कहा कि सालों से रेल सेवा में पर्याप्त निवेश नहीं होने के कारण उनका उन्नयन नहीं हुआ है। लिहाजा निजी सहयोग से रेलवे को सर्वसुविधा युक्त किये जाने का यह प्रयास है। उन्होंने कहा कि रेल सेवा भारत की धरोहर है। निजी कंपनियों के आने से भारत की धरोहर पर कोई विपरीत फर्क नहीं पड़ने वाला है।
उन्होंने कहा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप द्वारा अगले 12 साल में 50 लाख करोड़ रुपयों का निवेश रेलवे क्षेत्र में होने का लक्ष्य है। अभी यात्री ट्रेन क्षमता से डेढ़ गुना ‘ओवरलोड’ चल रही हैं। इसलिए निजी रेलगाड़ियों के आने से राहत मिलेगी। इसी से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब गोयल ने कहा कि जो ट्रेन खाली जा रही हैं और जिन रूट पर ट्रेन ही नहीं है, ऐसे में देश भर के सभी रेल मार्गों का परीक्षण कराके कर संतुलन बनाया जाएगा। गाेयल ने दावा करते हुए कहा कि ट्रेनों के संचालन के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के आने से रेल सुविधाओं में सुधार और विस्तार होगा।
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