पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही जल जीवन हरियाली और जनहित के मुद्दों पर मानव श्रृंखला को सफल बनाने का प्रयास कर रहे हो लेकिन बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके शिक्षक संगठनों ने मानव श्रृंखला कार्यक्रम को ब्लॉक करने की तैयारी कर ली है। सरकार के पास इस बात के पक्के इनपुट है कि मानव श्रृंखला के दौरान शिक्षक संघ हंगामा कर सकते हैं। स्पेशल ब्रांच ने इस संबंध में राज्य के सभी जिलों के डीएम-एसपी को पत्र लिखकर आगाह किया है।
बता दें कि मानव शृंखला को लेकर सरकार और नियोजित शिक्षकों के बीच ठनी हुई है। शिक्षक संघ ने साफतौर पर कह दिया था कि राज्य के सभी नियोजित शिक्षक मानव श्रृंखला का बहिष्कार करेंगे और रविवार को स्कूल तक नहीं खोलेंगे। उन्होनें कहा था कि सरकार चाहे शिक्षकों पर लाख मुकदमा कर लें हम डरने वाले नहीं हैं।बिहार शिक्षक संघर्ष समिति के नेता आनंद कौशल ने शिक्षा विभाग केआदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में मानव श्रृंखला के विरोध में जनहित याचिका दायर की थी। वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर. के महाजन ने बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष सह संयोजक ब्रजनंदन शर्मा को पत्र लिख कर सहयोग मांगा था।
इधर पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने नीतीश कुमार के बहुप्रचारित मानव श्रृंखला के खिलाफ दायर जनहित याचिका को आज खारिज तो जरुर कर दिया लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मानव श्रृंखला में भाग नहीं लेने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी।ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकार बच्चों से लेकर शिक्षकों को जबरन मानव श्रृंखला में शामिल कराने का फरमान जारी कर रही है। रविवार को स्कूल खोल दिये गये हैं। बच्चों और शिक्षकों को हर हाल में मानव श्रृंखला में खड़े होने का आदेश दिया गया है। कोर्ट का ये आदेश भी शिक्षकों के पक्ष में जाता दिख रहा है।
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