मंगलवार, 7 जनवरी 2020

सीएए को लेकर बंगाली भाषा में की गई बुकलेट

कोलकाता। बीजेपी (BJP) द्वारा नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) (CAA) को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए बंगाली भाषा में जारी की गई बुकलेट (Booklet) में लिखा है कि एनआरसी इसके बाद अगला कदम होगा और कोई भी हिंदू डिटेंशन सेंटर  नहीं जाएगा। बतौर बुकलेट, फॉरेनर्स ऐक्ट के चलते असम में 11 लाख हिंदू (Hindu) डिटेंशन सेंटर में हैं और सीएए के तहत वे रिहा हो जाएंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएए को प्रश्न एवं उत्तर के प्रारूप में सरलता से स्पष्ट किया गया है, ताकि कानून के संबंध में लोगों के भय को दूर किया जा सके।पुस्तिका में ‘इसके बाद क्या एनआरसी लाया जाएगा? इसकी कितनी जरूरत है? और एनआरसी आने पर क्या असम की तरह हिन्दुओं को निरोध केन्द्र में जाना पड़ेगा? जैसे सवाल हैं।’ इनके जवाब में कहा गया है, ‘हां, इसके बाद एनआरसी होगा। कम से कम ऐसी केन्द्र सरकार की मंशा है।’ पुस्तिका में दावा किया गया कि हिन्दुओं को एनआरसी की वजह से नहीं बल्कि विदेशी कानून की वजह से निरोध केन्द्र जाना पड़ा है। पुस्तिका में कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार और कांग्रेस द्वारा पारित विदेशी कानून के तहत असम में एनआरसी लागू किया गया। असम में बीजेपी सरकार एनआरसी नहीं लाई। बल्कि उसने तो एनआरसी के खिलाफ अदालत में जाने का निर्णय किया था।’ उसने कहा कि सीएए के लागू होने के बाद असम में निरोध केन्द्र में बंद हिन्दुओं को छोड़ दिया जाएगा।


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