साल में 365 दिन होते हैं वहीं इस साल 2020 में कुल 366 दिन होंगे
नई दिल्ली। वर्ष 2020 एक ‘लीप यीअर’ है यानी जहां आमतौर पर साल में 365 दिन होते हैं वहीं इस साल में कुल 366 दिन होंगे। हर चौथे साल में फरवरी के महीने में एक दिन और जुड़ जाता है, जिससे 29 दिन हो जाते हैं। इस साल को ‘लीप यीअर’ और इस दिन को ‘लीप डे’ कहते हैं। फरवरी साल का सबसे छोटा महीना है जिसमें केवल 28 दिन होते हैं इसलिए इस ‘लीप डे’ को इस महीने में जोड़ा गया है।
ऐसा क्यों होता है?
दरअसल, पृथ्वी को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में 365 दिन, 6 घंटे का समय लगता है। तो ये 6 घंटे 4 साल में जुड़कर 24 घंटे बन जाते हैं जिससे 1 ‘लीप डे’ बन जाता है। अगर हम इस अतिरिक्त दिन को हर चौथे साल में नहीं जोड़ते हैं तो हर साल कैलेंडर से 6 घंटे हट जाएंगे और फिर हर 100 साल में कैलेंडर से 24 दिन ही गायब हो जाएंगे।
कहानी ‘लीप यीअर’ की
‘लीप यीअर’ के पीछे कई सालों पहले की कहानी है। बात लगभग 2000 ईसा पूर्व की है जब इटली पर जूलियस सीजर का राज हुआ करता था। जूलियस सीजर के समय में जो कैलेंडर प्रयोग किया जाता था, उसमें प्रतिवर्ष में 355 दिनों को शामिल किया गया था। लेकिन इससे उन्हें समस्या होती थी क्योंकि उन्हें अतिरिक्त दिनों का हिसाब अलग से जोडऩा पड़ता था जो काफी जटिल हो जाता था। जूलियस सीजर इस समस्या से बहुत परेशान हो गया और उसने अपने ज्योतिषी से ऐसी व्यवस्था करने को कहा जिससे कालक्रम गड़बड़ हुए बगैर ही यह समस्या सुलझ जाए।
इसके बाद राज्य के ज्योतिष ने एक साल में 365 दिनों को शामिल किया और हर 4 साल में एक दिन जोडऩे का प्रस्ताव जूलियस सीजर के सामने रख दिया। इसके बाद भी इस कालक्रम में कई बदलाव और सुधार किए गए। अंतिम बार यह सुधार करने वाले थे पोप ग्रेगरी 13 जिन्होंने 29 दिनों के साल को ‘लीप यीअर’ का नाम दिया। आज हम जिस ग्रेगेरियन कैलेंडर का अनुसरण करते हैं वह पोप ग्रेगेरी के नाम पर ही रखा गया है।
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