नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक गुरुवार को हुई। माना जा रहा था कि गुरुवार की रात तक उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आ जाएगी। देर रात तक पार्टी नेताओं के बीच उम्मीदवारों के नामों पर माथापच्ची चलती रही और उसी के साथ लिस्ट आने की संभावनाएं भी कम होती चली गईं। अब शुक्रवार को ही लिस्ट जारी होने की उम्मीद है।
पहली लिस्ट में घोषित हो सकते हैं 50 कैंडिडेट
सूत्रों के मुताबिक, पहली लिस्ट में करीब 50 सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार घोषित कर सकती है। दिल्ली में बीजेपी के सहयोगी अकाली दल को कितनी और कौन-कौन सी सीटें देनी है, इस पर फैसला होना बाकी है।
निगम चुनावों के मुकाबले अलग होगी रणनीति
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की ओर से इस बार पिछली बार चुनाव लड़े कई कैंडिडेट्स को मौका दिया जा सकता है। निगम चुनावों में पार्टी की रणनीति के मुकाबले यह अलग तरह का दांव होगा। बता दें कि नगर निगम चुनावों में बीजेपी ने अपने कैंडिडेट्स को बदल दिया था और बड़ी संख्या में टिकट काटे थे। हालांकि विधानसभा में वह 2015 में लड़े अपने कई कैंडिडेट्स को फिर मौका देना चाहेगी।
CM के खिलाफ कैंडिडेट चुनना मुश्किल
नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए भी पार्टी अभी और वक्त ले सकती है। कुछ सीटों पर पार्टी के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करना आसान नहीं होगा क्योंकि इन सीटों पर कांग्रेस और आप, दोनों से ही कड़ी टक्कर मिलेगी।
मीटिंग में मौजूद थे ये दिग्गज नेता
बीजेपी मुख्यालय में रात 8 बजे के करीब शुरू हुई केंद्रीय चुनाव समिति बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, डॉ. हर्ष वर्धन, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, दिल्ली बीजेपी के प्रभारी श्याम जाजू, प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और राज्यसभा सांसद विजय गोयल समेत कुछ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बीजेपी को जनता से मिले 11 लाख सुझाव
विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र के लिए बीजेपी को दिल्ली की जनता की तरफ से 11 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। इनमें सड़क के गड्ढों, ट्रैफिक जाम और गंदे पानी से लेकर सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। इसके अलावा कई लोगों ने यह भी सुझाव दिया है कि बिजली और पानी के मुद्दे पर बीजेपी को स्पष्ट रूप से यह घोषणा करनी चाहिए कि वह दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही छूटों के मुकाबले बिजली-पानी के इस्तेमाल पर कितनी छूट या सब्सिडी देगी।
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