जूनागढ़। लोक रक्षक दल (LRD) के मुद्दे को लेकर गुजरात सरकार बुरी तरह से घिरती दिखाई दे रही है। करीब 45 दिनों से आंदोलनकारी राज्य सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। वहीं आरोप है कि गुजरात की विजय रूपाणी सरकार ने अभी तक इस मामले पर ध्यान नहीं दिया है। वहीं अब इस मामले में सरकार को जगाने के लिए एक पिता ने खुद को फांसी के फंदे पर लटकाकर जान दे दी है।
मामला गुजरात के जूनागढ़ का हैं। जहां एक पिता न्याजाभाई ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए खुदकुशी कर ली। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। जहां पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया। इस नोट में मृतक न्याजाभाई ने खुद की मौत का जिम्मेदार गुजरात सरकार को ठहराया है।
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सुसाइड नोट में क्या लिखा है?
पुलिस को बरामद सुसाइड नोट में लिखा था, 'मेरे दोनों बेटों ने LRD की भर्ती परीक्षा की लिखित और शारीरिक परीक्षा को पास कर लिया था। दोनों बेटे दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए गए थे, जहां उनके दस्तावेज वेरिफाई नहीं किए गए और LRD के नतीजे डिक्लेयर कर दिए गए।'
सुसाइड नोट में लिखा है, 'हमारे साथ अन्याय किया गया है. मैं यह अन्याय बर्दाश्त नहीं कर पाया। मेरी मौत के पीछे राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, आदिजाति मंत्री गणपत वसावा, गृह सचिव और आदिजाति विभाग के अफसर हैं। लेकिन बीजेपी की सरकार कोई कार्यवाही नहीं करेगी। भगवान न्याय जरूर देगा।'
मालधारी समाज में गुस्सा
पिता की मौत के बाद बेटे भी इसके पीछे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं इस घटना के बाद मालधारी समाज में काफी गुस्सा देखा जा रहा है। मालधारी समाज अब शव भी स्वीकार करने से इनकार कर रहा है। मालधारी समाज की मांग है कि जब तक LRD के छात्रों के साथ न्याय नहीं होता है, तब तक वो अपनी मांग पर अड़े रहेंगे। वहीं इस पूरे मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे।
बता दें कि LRD मुद्दे पर मालधारी समाज काफी वक्त से आंदोलन कर रहा है। हालांकि, इस मामले में सरकार की ओर से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया। मालधारी समाज का आरोप है कि न्यायालय की ओर से उन्हें आदिवासी होने का प्रमाणपत्र मिल चुका है तो LRD भर्ती परिक्षा में उन्हें इस कोटे के तहत क्यों नहीं लिया गया. इससे समाज के 125 छात्र जो मेरिट में आए हैं, उनके साथ अन्याय हुआ है। वहीं मालधारी समाज का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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