सोमवार, 6 जनवरी 2020

जेएनयू हिंसा में एफआईआर दर्ज, छात्र डिस्चार्ज

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, एम्स में भर्ती कराए गए 23 छात्रों को भी डिस्चार्ज कर दिया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और उन्हें कहा है कि वो जेएनयू के प्रतिनिधियों से बात करें। हिंसा को लेकर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भेज दी है। इस रिपोर्ट में रविवार के पूरे घटनाक्रम को शामिल किया गया है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी और सोशल मीडिया को जांच का आधार बनाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू में हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को बैठक के लिए बुलाया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जेएनयू के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर वीसी ने दिल्ली के उपराज्यपाल से भेंट की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। अधिकारी ने कहा कि मामले को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा गया, पुलिस छात्रों से बात करेंगी साथ ही साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए गए हैं। वहीं, जेएनयू के साबरमती हॉस्टल के सीनियर वार्डन आर मीणा ने इस्तीफा दे दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जेएनयू हिंसा मामले में कहा है कि हम इसकी निंदा करते हैं। इसकी जांच जरूरी है। कांग्रेस, वामपंथी, आप और कुछ अराजक तत्व देशभर के विश्वविद्यालयों में हिंसा का माहौल बनाना चाहते हैं। उधर, डीसीपी देवेंद्र आर्या जेएनयू के मेन गेट के बाहर मौजूद हैं और उनके साथ भारी पुलिस बल भी तैनात है। विश्वविद्यालय के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है।


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