सिवनी। शहर के ऐतिहासिक दल सागर तालाब सहित जिले के ताल तलैये, जलाशय इन दिनों प्रवासी पक्षियों के कलरव से गूंज रहे हैं। जिले के सभी जलक्षेत्र प्रवासी पक्षियों के लिये महत्वपूर्ण हैं। बड़ा तालाब प्रवासी पक्षियों के लिये अति महत्वपूर्ण क्षेत्र में से एक है।
जानकार बताते हैं कि इनमें से अधिकांश पक्षी उन देशों से पलायन कर भारत में आते हैं जहाँ सर्दियों में तापमान शून्य के नीचे चला जाता है। इन प्रवासी पक्षियों को यह पता होता है कि किस क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम सर्दी पड़ेगी। ये पक्षी हजारों लाखों किलोमीटर की यात्रा कर भारत पहुँचते हैं।
जानकारों का कहना है कि ठण्ड बढ़ने के साथ ही साथ हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी सिवनी जिले का रूख करते हैं। प्रवासी पक्षियों के बहुत से झुण्ड हजारों किलोमीटर का सफर तय करके भीमगढ़ जलाशय, बरगी बाँध, दलसागर सहित अन्य बड़े तालाबों में आये हैं। इनमें रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, गढ़वाल, कॉमन टील, स्पॉट बिल डक, मार्श हरियर, कॉमन कूट, पिन टेल, कोंब डक, ग्लॉसी आइबिस, येलो वैगटेल, मार्श सैंडपीपर आदि प्रमुख रूप से चिन्हित किये गये हैं।
जानकारों का कहना है कि इनमें से नॉर्थर्न पिनटेल, पॉली अरटिक रीजन से प्रवास करते हैं। गढ़वाल, नॉर्थ अमेरिका, नॉर्थ और सेंट्रल यूरेशिया से प्रवास करते हैं। यूरेशियन विजिओन, आइसलैंड, नॉर्थ यूरोप और नॉर्थ एशिया से प्रवास करते हैं। कॉमन कूट आते हैं यूरोप,सेंट्रल एशिया और जापान से एवं कॉमन टर्न, नार्थ अमेरिका, अटलांटिक आइलैंड और यूरोप से प्रवास करते हैं।
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