शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

गोली, बम धमाकों से दहशत में आए बच्चे

फर्रूखाबाद। गोली बम धमाकों से दहशत में आए बच्चे गिड़गिड़ाए तो तमंचा दिखा धमकाया फिर जड़े थप्पड़ फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद स्थित करथिया गांव में तहखाने में बंद बच्चे गोली व बम चलने से सहम गए। बंधक बच्चों में शामिल किशोर विनीत ने उन्हें संभाला। उसने बच्चों को समझाया कि डरें नहीं और तहखाने की अंदर से कुंडी बंद कर ली। पर शातिर सुुुभाष की पत्नी रूबी ने कुंडी खोल दी।इसके बाद सुभाष ने बच्चों को तमंचा दिखाकर धमकाया। इससे बच्चे शांत हो गए। मोहम्मदाबाद के गांव करथिया में जिन 23 बच्चों को शातिर ने बंधक बनाया था उनमें गांव के रामकिशोर कठेरिया का 14 वर्षीय बेटा कक्षा नौ का छात्र विनीत भी शामिल था।वह बंधक बच्चों में बड़ा था और उसने अपनी समझदारी व निडरता का परिचय भी दिया। उसने बताया कि जब सुभाष ने बंद किया तो उसने विरोध किया। इसके बाद जब उसने पुलिस पर फायरिंग की और हथगोला फेंका तो उसके साथ बंद किए गए सभी बच्चे सहम गए और रोने लगे। इस पर उसने बच्चों को हौसला दिया कि डरो नहीं सभी लोग बाहर निकलेंगे। ये कहने के बाद उसने तहखाने की कुंडी अंदर से बंद कर ली। वहां बम चलाने के लिए लगाए तार को विनीत ने तोड़ डाला। पर अंदर सुभाष की पत्नी रूबी थी। उसने कुंडी खोल दी। सुभाष अंदर पहुंच गया और तमंचा दिखाकर बच्चों को धमकाया। विनीत ने इसका विरोध किया तो सुभाष ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। पिर भी विनीत ने कहा कि उन्हें वह क्यों बंधक बनाए है। आशाराम की जुड़वां बेटियां गंगा (12) व जमुना (12) भी बच्चों को जल्द छूटने का ढांढस बंधाती रहीं।


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