रविवार, 12 जनवरी 2020

डेढ़ करोड़ का मुआवजा दे, 'माता जी'

मंबई। पहले पति से हुए बेटे को कानूनी तौर पर स्वीकार नहीं करने वाली बॉलीवुड कालाकार को उसी के बेटे ने अब कटघरे में खड़ा कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट से बेटे ने गुहार लगाई है कि उसकी मां उसे कानूनी तौर पर बेटा माने और इतने सालों तक उसने जितनी भी मुश्किलें और मानसिक तकलीफें झेली हैं उसके लिए 1.5 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दें। जस्टिस अमजद सैयद और जस्टिस अनुजा प्रभू देसाई की बेंच इस मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को करेगी। बताया जाता है कि मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रहने वाले 40 साल के श्रीकांत सबनीस पिछले 20 साल से फिल्म इंडस्ट्री में बतौर मेकअप मैन काम कर रहे हैं। श्रीकांत सबनीस के पिता दीपक सबनीस ने 4 अप्रैल 1949 में उषा पंडित से शादी की थी। याचिका में कहा गया कि महिला बेहद महत्वाकांक्षी थी और फिल्म उद्योग में काम करने के लिए मुंबई आना चाहती थी। सितंबर 1981 में उसने बच्चे को साथ लिया और मुंबई के लिए रवाना हो गई। याचिका में आरोप लगाया गया कि मुंबई पहुंचने के बाद, महिला ने बच्चे को एक ट्रेन में छोड़ दिया और वहां से चली गई। श्रीकांत ने बताया कि 26 फरवरी 1979 को उनका जन्म हुआ और उसके ढाई साल बाद 24 सितंबर 1981 को उनकी मां उन्हें डेक्कन एक्सप्रेस में छोड़कर चली गईं और फिर उदय म्हसकर से शादी कर ली। कुछ सालों के बाद श्रीकांत को पुलिस ने उनकी दादी के पास पहुंचा दिया। श्रीकांत की आगे की देखरेख उनकी दादी ने ही की। दादी के गुजर जाने के बाद उनकी मौसी ने ही उन्हें बड़ा किया. 36 साल बाद श्रीकांत ने अपनी मां को सोशल नेटवर्किंग साइट से ढूंढ निकाला। श्रीकांत ने डोबिवली में रहने वाली अपनी मां से मुलाकात भी की। श्रीकांत ने बताया कि उनकी मां अब उषा पंडित से आरती म्हस्कर बन चुकी थीं। श्रीकांत ने बताया कि मुलाकात के दौरान उनकी मां ने उनसे कटने की कोशिश की। इसके बाद श्रीकांत ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।


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