कंबोडिया। चूहों से अक्सर हमें किसी न किसी तरह की दिक्कत होती है। कभी वे कुछ काट देते हैं। कभी कोई सामान चोरी कर लेते हैं। कभी खाने-पीने की चीजें बर्बाद कर देते हैं लेकिन कंबोडिया में चूहे हीरो (Hero Rats) होते हैं। क्योंकि यहां चूहे हजारों लोगों की जान बचा रहे हैं।
अभी हाल ही में कंबोडिया के सियेम रीप प्रांत के त्रापियांग क्रासांग गांव में इन चूहों ने 788,257 वर्ग मीटर की जमीन से बारूदी सुरंगें (Landmines) खोजकर उन्हें नष्ट करने में मदद की है। इसके बाद ये जमीन 19 कंबोडियाई परिवारों को वापस दी गई। इन चूहों ने 170 बारूदी सुरंगों को खोजा। ये सुरंगे कई सालों से दबी हुई थीं और फटी भी नहीं थी। इनके फटने से लोगों और जानवरों के मरने का डर बना रहता था। इन सुरंगों को खोजकर नष्ट करने में चूहों को मात्र तीन महीने लगे।
इन चूहों को बारूदी सुरंगें खोजने की ट्रेनिंग देती है एंटी पर्सनल लैंडमाइंस डिटेक्शन प्रो़डक्ट डेवलपमेंट (APOPO)। इस संस्था की शुरुआत 1997 में हुई थी। लेकिन बतौर अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्था के तौर पर इसका पंजीकरण 2017 में किया गया। इस संस्था की शुरुआत की थी बार्ट वीटजेंस ने। इन्होंने देखा कि अफ्रीका के पाउच्ड रैट किसी भी तरह के बारूदी सुरंगों को खोजने में सक्षम हैं तो इन्होंने चूहों से बारूदी सुरंगें खोजने का प्रस्ताव रखा।
APOPO ने अपने चूहों की मदद से कंबोडिया, अंगोला, जिम्बाब्वे और कोलंबिया में बारूदी सुंरगों को खोजकर लोगों की जान बचाई है। अब तक इन चूहों ने इन देशों में करीब 1.38 लाख से ज्यादा बारूदी सुरंगें खोजी हैं। जनवरी 2019 में जारी किए गए APOPO के आंकड़ों को देखें तो इनके पास अभी 151 चूहे हैं। इनमें से 26 सिर्फ प्रजनन का काम करते हैं। 53 चूहे बारूदी सुरंगों को खोजने के लिए प्रशिक्षित हैं। 39 चूहे रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए हैं। 10 रिटायर हो चुके हैं।10 चूहों को अमेरिका के चिड़ियाघरों में शांतिदूत बनाकर भेजा जा रहा है।
हर चूहे को हफ्तें में पांच दिन बारूदी सुरंगें खोजने की ट्रेनिंग जी जाती है। एक दिन में ये सिर्फ आधे से डेढ़ घंटे की ट्रेनिंग करते हैं। आखिरी के दो दिन ये सिर्फ पार्टी करते हैं। एक चूहे की ट्रेनिंग पर हर महीने करीब 400 रुपए का खर्च आता है। इन चूहों की उम्र 8 से 10 साल होती है। ये अपने जीवन में से 6 से 7 साल काम कर सकते हैं इन चूहों के जरिए आप एक टेनिस कोर्ट के बराबर की जगह में बारूदी सुरंगें सिर्फ 20 मिनट में खोज सकते हैं। जबकि, मेटल डिटेक्टर से खोजने में करीब एक से चार दिन लग सकते हैं। चूहे बारूदी सुरंगे खोजने में 100 फीसदी सफल होते हैं।
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