नई दिल्ली। गांधी परिवार से एसपीजी कवर वापस लेने और वीआईपी सुरक्षा में व्यापक कटौती के बाद केंद्र सरकार ने एनएसजी कमांडो को पूरी तरह इस काम से हटाने का फैसला किया है। अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 13 वीआईपी हस्तियों को एनएसजी के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो सुरक्षा नहीं देंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब दो दशक बाद ऐसा होगा जब एनएसजी कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाया जाएगा। वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाने से करीब 450 कमांडो मुक्त हो जाएंगे, जिनका इस्तेमाल देश में बने इनके पांच ठिकानों में इनकी मौजूदगी को और मजबूत करने में किया जाएगा। 1984 में जब एनएसजी का गठन हुआ था, तब वीआईपी ड्यूटी इसके मूल कामों में शामिल नहीं थी। एनएसजी ‘जेड प्लस’ श्रेणी सुरक्षा प्राप्त 13 वीआईपी हस्तियों को सुरक्षा देता है। प्रत्येक के साथ दो दर्जन एनएसजी कमांडो होते हैं। गृहमंत्रालय का मानना है कि एनएसजी को आतंकवाद और विमान अपहरण जैसी गतिविधियों के खिलाफ अभियान के अपने मूल काम पर ध्यान लगाना चाहिए।
सीआरपीएफ और सीआईएसएफ को मिलेगा जिम्मा
सुरक्षा प्रबंधों में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि जल्द एनएसजी से इन वीआईपी का सुरक्षा जिम्मा वापस लेकर सीआरपीएफ और सीआईएसएफ को सौंपी जा सकता है, जो पहले ही 130 विशिष्ट लोगों को सुरक्षा मुहैया करा रही है। सीआरपीएफ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह व उनकी पत्नी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सुरक्षा दे रही है। वहीं, सीआईएसएफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत अन्य प्रमुख लोगों की सुरक्षा दे रही है।
इन्हें मिला है एनएसजी कवरः राजनाथ और योगी आदित्यनाथ के अलावा यूपी की पूर्व सीएम मायावती, मुलायम सिंह, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी एनएसजी कवर मिला है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.