आकांक्षु उपाध्याय
मंडोला-गाजियाबाद। मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों का धरना जारी रहा।
ठंड की वजह से लोग मर रहे हैं हड्डी कपकपा देने वाली सर्दी में मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान खुले आसमान के नीचे दिन रात डटे हुए हैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के फैसले के बाद अधिकारियों की व्यस्तता व CAA एवं NRC के विरोध प्रदर्शनों में अधिकारियों की व्यस्तता के चलते धरनारत किसानों ने किसी अधिकारी से सुलभ शौचालय या अलाव आदि का आग्रह नही किया करीब दो महीनों से किसान सर्दी से बचने के लिए निजी तौर पर अलाव की व्यवस्था करके अपना काम चला रहे हैं जो कि हड्डी कपकपा देने वाली सर्दी में धरनारत किसानों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त नही हो रहा है । प्रशासनिक अधिकारी गांधीवादी सत्याग्रहों की अनदेखी करते हैं यही कारण है कि अहिंसावादी आंदोलन से लोगो का भरोसा टूट जाता है और किसी भी शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलन में लोग हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं उन्हें लगता हैं यदि हम शांति पूर्वक धरने पर बैठेंगे तो कोई हम पर ध्यान नही देगा यह सोचना भी आज की प्रशासनिक व्यवस्था के हिसाब से सायद ठीक ही है।
मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान मुआवजे सम्बन्धी अपनी मांगों को लेकर तीन वर्षों से धरने पर है सर्दी में भी रोजाना करीब 150 से 200 किसान व किसान परिवारो की महिलाएं धरने पर रहती हैं उनके लिए प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था नही की है जिससे अहिंसावादी आंदोलनों की तरफ लोगो का रुझान बढ़े धरनारत किसान खुले में सोच आदि करने को मजबूर हैं,सुलभ शौचालय वैन की व्यवस्था नही,पीने के पानी की कोई व्यवस्था नही ,सर्दी से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नही है यदि अधिकारी शांतिपूर्वक एवं अहिंसावादी व गांधीवादी तरीको से किये जा रहे आंदोलनों की अनदेखी न करें ,उनकी मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने व समाधान कराने में मध्यस्ता करें तो कोई भी आंदोलन उग्र नही हो सकता ।
जनप्रतिनिधियो व प्रशानिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते धरनारत किसान अपना रोष प्रकट करने के लिए 2019 की विदाई और 2020 का स्वागत अर्धनग्न रहकर करेंगे आज धरने पर सैकड़ो महिला व पुरुष उपस्थित रहे।
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