शीत लहर ने दस्तक दे दी है। ठण्डी हवा से बचने जहाँ गर्म कपड़ों की जरूरत होती है, उससे अधिक जरूरत ऊर्जा युक्त ऐसे खाद्य पदार्थ भी जरूरी हैं जिनके सेवन से सर्दियों में चुस्त दुरुस्त रहा जा सकता है।
इनमें तिली के बने मीठे लड्डू और संबंधित अन्य खाद्य पदार्थ बेहद उपयोगी हैं। सर्दियों में अपनी तासीर की वजह से तिली के लड्डू न केवल ताकत और ऊर्जा का खजाना हैं बल्कि बादाम, काजू अखरोट आदि ड्रायफूड की तुलना में सस्ते भी होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक तिली और गुड़ का मिश्रण सेहत के लिये खास तौर पर वरदान साबित होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक तिल के अलावा गर्म तासीर वाली खाद्य वस्तुओं जैसे मूंगफली, पिण्ड खुजूर का का इस्तमाल भी सेहत के लिये फायदेमंद होगा। दरअसल सर्दी बढ़ने के साथ ही साथ लोगों के खान पान में बदलाव आया है। इसमें सबसे ज्यादा तिल के व्यंजनों को लिया जाता है। तिल शरीर को गर्मी देने के साथ ही शरीर को तंदुरुस्त रखता है और यह शारीरिक गरमाहट भी पहुँचाती है। सर्दी के बढ़ते ही तिल के कारोबार में भी रौनक आयी है। बाजारो में विभिन्न प्रकार के तिल के व्यंजनों की खूब बिक्री हो रही है।
गुड़ की गजक, बीकानेर की तिल पपड़ी, अजमेर की डाईफ्रूट गजक, पिस्ता गजक, तिल के लड्डू सहित अन्य सामग्री की डिमाण्ड बढ़ती जा रही है। आमतौर पर शरद ऋतु आते ही तिल के व्यंजन बाजारों में बिकना आरंभ हो जाते हैं, लेकिन इस बार सर्दी कुछ लेट आने से इनके व्यंजनों पर भी प्रभाव पड़ा है। बाजारों में तिल ने अब जोर पकड़ा है। वही माना जाता है की मकर संक्रांति पर तिल के व्यंजन बनाना शुभ रहता है। चीनी और गुड़ दोनों में गजक को बनाया जाता है, लेकिन गुड़ की गजक को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इतना ही नहीं तिल के लड्डू की डिमांड भी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
सर्दी बढ़ने के साथ ही गजक की दुकानों पर भीड़ के साथ ही कई प्रकार की गजक व तिल के लड्डू भी उपलब्ध हैं। सर्दियों में तिल शरीर के रोग को दूर करने के साथ फायदेमंद भी साबित होता है।
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