कानपुर। सुमित अग्रवाल कानपुर के उद्योग जगत में एक चर्चित चेहरा हैं। एक एक्टर और सिंगर के रूप में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसके साथ ही वह कानपुर शहर के सात स्कूलों को गोद ले चुके हैं और यहां सरकारी स्कूल के इन बच्चों को वो ऐसी सारी सुविधा मुहैया करा रहे हैं, जो महंगे-महंगे प्राइवेट स्कूलों में उपलब्ध होती है। व्यस्त समय में भी वह बच्चों के साथ समय बिताने के लिए उनके स्कूल पहुंच जाते हैं। यहां के बच्चे उन्हें प्यार से कानपुर के चाचा नेहरू बुलाने लगे हैं।
सुमित अग्रवाल के स्कूलों को गोद लेने के पक्ष के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए यूं तो वो करीब सात साल से लगे हुए हैं। लेकिन पिछले एक साल से उन्होंने सात स्कूलों को गोद ले रखा है। उनके इस कार्य के चलते यहां के बच्चों का रिजल्ट भी बेहतर होता जा रहा है।
ये सुविधाएं हैं सरकारी स्कूल में
सरकारी स्कूल की बिल्डिंग की सुंदरीकरण में सुमित ने मदद की, जिससे ये स्कूल किसी मामले में प्राइवेट स्कूलों से कम नहीं लगते हैं।
डिजिटलीकरण के लिए स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट सेवा मुहैया कराई।
सरकारी स्कूलों में प्राइवेट टीचर भी रखे गए हैं। इन स्कूलों की माॅनिटरींग के लिए भी एक अलग ग्रुप तैयार किया गया है।
क्या कहना है सुमित का
सुमित ने बताया कि बचपन में उनका घर एक बस्ती के पास था, उन्होंने करीब से गरीबी को देखा है, उन्हीं सब बातों का बचपन से गहरा असर हुआ। पहले पिता जी के साथ गरीब बच्चों की मदद के लिए जाया करता है। आज मैं सक्षम हुआ और तो मैंने सरकारी स्कूलों के बच्चों को वो सारी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जो पैसों की कमी के कारण उनको नहीं मिल पाती हैं।
हर महीने लाखों का खर्च
सुमित के इस कार्य में हर महीने करीब एक लाख से अधिक रूपए खर्च हो रहे हैं। सुमित स्वयं इस कार्य का निर्वाहन कर रहे हैं। कई सामाजिक लोगों का भी अब सुमित को साथ मिलने लगा है। सुमित ने बच्चों को सारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अपने कार्यालय में एक अलग विभाग बना रखा है, जो स्कूलों की समस्याओं और जरूरतों का ध्यान देता है।
परिवार के साथ देते हैं समय
सुमित अग्रवाल का जीवन वैसे तो काफी व्यस्त है, लेकिन रोजाना करीब एक घंटा वह इन बच्चों के लिए निकालते हैं, स्कूल जाकर बच्चों के साथ खेलना, समय बिताना उनके रूटीन में शामिल हो गया है। परिवार के लोग भी उनके इस कार्य में साथ बटाते हैं।
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