नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) से फाइल कल्चर को पूरी तरह से समाप्त करने की तैयारी में हैं। रेल मंत्रालय को पेपर लेस बनाने के लिए रेलवे ने मेगा प्लान बनाया है। इस प्लान से फाइलों का जंजाल खत्म होगा सभी मैनुअल फाइलों को ई फाइलों में तब्दील किया जाएगा। पहले चरण में रेल मंत्रालय ने 72 हजार से ज्यादा ई-फाइल को तैयार किया है। रेलवे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसी भी खबर है कि रेल मंत्रालय के 50,000 से ज्यादा कर्मचारी ई फाइल सिस्टम में काम करने लगे हैं और अब धीरे-धीरे रेल मंत्रालय का वर्क कल्चर बदलने लगा है।
खबर है अब सभी कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जानी है। इसकी ट्रेनिंग का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि डिजिटल तरीके से काम होने पर मैनुअल फ़ाइल नहीं होगी, लिहाजा पेपर की बचत होगी और दूसरा बड़ा फायदा होगा कि फाइल अधिकारियों की टेबल पर पेंडिंग नहीं रहेंगी और जहां फाइल पेंडिंग होगी उसका पता लगाना आसान होगा।
E-फ़ाइल सिस्टम होने से फाइलों को जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी पहले चरण में रेलवे ने अपने 58 संस्थानों में ई ऑफिस बनाया है। इसके जरिए भारतीय रेलवे इफेक्टिव तरीके से फाइलों को हैंडल कर पाएगी और फाइलें पेंडिंग नहीं रहेंगी। भारतीय रेलवे के 58 संस्थानों की 6 महीने से कम समय में 72000 से ज्यादा डिजिटल फाइल बनाई गई है और मैनुअल फ़ाइल को e फ़ाइल में बदला गया है।
इस पर रेलवे का काम जोर शोर से चल रहा है रेलवे का इरादा सभी मैनुअल फाइल को डिजिटल फाइल में तब्दील करना है और आगे का वर्क कल्चर पेपरलेस बनाना है। यानी आने वाले वक्त में रेलवे का सभी कामकाज डिजिटल तरीके से होगा। मैनुअल फाइल की कोई जगह नहीं होगी यानी लंबी चौड़ी कागजी कार्रवाई से रेल मंत्रालय को मुक्ति मिलेगी।
रेल मंत्रालय में 1300000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और रेल मंत्रालय पेपरलेस होने से कई टन पेपर की बचत हर दिन होगी इसका बड़ा फायदा यह होगा कि इससे पेड़ों की कटाई कम करने में मदद मिलेगी। रेलवे का पैसा बचेगा अलग से। रेलवे की इस प्रोजेक्ट को रेलवे का ही संस्थान रेलटेल (RAILTEL) लागू कर रहा है।
रेलटेल (RAILTEL) के सीएमडी पुनीत चावला ने ZEE न्यूज़ को बताया कि ई-ऑफिस बनाने और सभी मैनुअल फाइल को ई फाइल में बदलने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रेलवे में काम करने की क्षमता बढ़ेगी, दक्षता आएगी। उन्होंने कहा कि 250000 से ज्यादा ई रिसिप्ट क्रिएट कर लिए गए हैं और इसके पहले फेज का काम पूरा हो गया है। रेलटेल दूसरे फेज में रेल मंत्रालय के 39 संस्थानों में डिजिटल वर्कप्लेस के तहत ऑफिस बनाएगा और सभी मैनुअल फाइलों को डिजिटल फाइल में कन्वर्ट करेगा।
पुनीत चावला ने बताया, 'ये हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी जिसकी हमने शुरुआत की है, रेल मंत्रालय जैसे बड़े मंत्रालय में मैनुअल फाइल को ई फाइल सिस्टम में कन्वर्ट करना एक मुश्किल काम था। लेकिन इस काम की शुरुआत हमने कर दी है, पहला चरण पूरा हो चुका है और जल्द ही रेल मंत्रालय की सभी मैनुअल फाइलों को ई-फाइल में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। इसके चलते आगे रेल मंत्रालय का पेपर लेस बनाने का सपना पूरा हो सकेगा।'
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रेल मंत्रालय ने कहा है कि रेलटेल (RAILTEL) पूरी क्षमता से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और तय टाइम लाइन से पहले ही रेलटेल इस प्रोजेक्ट को पूरा कर देगा। इससे रेलवे में एक नया वर्क कल्चर मिसाल बनेगा। ये भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए क्योंकि रेल मंत्रालय में 1300000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं यह दुनिया के बड़े सरकारी संस्थानों में से एक है।
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