मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

नागरिकता पर टकराव 'संपादकीय'

नागरिकता पर टकराव


केंद्र सरकार के द्वारा पारित नागरिकता संशोधन विधेयक पर भ्रामकता फैलाई गई है! जिसके कारण देश में अराजकता बढ़ती जा रही है! नागरिकता संशोधन विधेयक के बाद पूर्वोत्तर में प्रदर्शन हिंसक होते चले गए, जिसमें कई लोगों की जान चली गई! कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं! हिंसा में सुरक्षाकर्मियों पर भी कोई दया नहीं की गई है! राष्ट्रीय राजधानी स्थित जामिया इस्लामिया में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन से तनाव और चिंता की लकीरें खींचना लाजमी है! छात्रों के प्रदर्शन से उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़, लखनऊ आदि क्षेत्रों में समर्थन में प्रदर्शन किया गया!


पारित विधेयक में किसी भी भारतीय नागरिक का अहित नहीं है! यदि विधेयक से कोई आपत्ति है तो न्याय प्रक्रिया से उसे सुधारा जा सकता है! लोकतांत्रिक व्यवस्था में संवैधानिक प्रधानता से कोई अछूता नहीं है! हिंसा से किसी भी समस्या का कोई हल नहीं निकाला जा सकता है! समुदाय विशेष को कानूनी ढंग से लड़ाई लड़ने का अधिकार प्राप्त है! हिंसक प्रदर्शन और सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंचाना, सामाजिक शांति भंग करना पूरी तरह तंत्र विरोधी है! इसके पीछे राजनीतिक विचारधाराओं के कलुषित नेतृत्व से मुंह नहीं घुमाया जा सकता है! राजनीतिक स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए ओछी नीति के नेता समाज की आबोहवा में जहर घोलने का काम कर रहे हैं! दिल्ली के जाफराबाद में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भड़की हिंसा इसका सजीव प्रमाण है! विधेयक को ढाल बनाकर जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है! कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं लेकिन यह अपराधी उनकी पकड़ से बाहर क्यों है?


राधेश्याम 'निर्भय-पुत्र'


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