नई दिल्ली। हैदराबाद में कथित एनकाउंटर पर मसला सुको में सुनवाई के दौरान CJI बोबड़े ने सख़्त टिप्पणी की है। मामले की जाँच स्वतंत्र जाँच ऐजेंसी से कराए जाने की माँग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वतंत्र जाँच का विरोध करने की सरकारी दलील पर कहा –“यदि आप कहते हैं कि आप एनकाउंटर में शामिल लोगों पर अपराधिक मामला चला रहे हैं तो हमारे लिए फिर कुछ नहीं बचता.. लेकिन .. अगर आप कहते हैं कि, वे निर्दोष हैं, तो लोगों को सच्चाई पता होना चाहिए। हम पूर्वाग्रही नहीं है.. जाँच होने दीजिए.. आप इसके लिए प्रतिरोधी क्यों है”
भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा
“मुठभेड़ की एक स्वतंत्र जाँच होनी चाहिए”हैदराबाद में बीते 6 दिसंबर को महिला पशु चिकित्सक के साथ अनाचार और ज़िंदा जला दिए जाने के मामले में विवेचना के दौरान हैदराबाद पुलिस ने चार संदेही/आरोपी पकड़े थे, जिन्हे पीड़िता का मोबाइल समेत कुछ वस्तुओं की बरामदगी करने और रिक्रिएशन के लिए उसी जगह ले ज़ाया गया था जहां पर कि, महिला पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था। क़रीब सुबह तीन बजे संदेही आरोपियों को ले ज़ाया गया था और तड़के क़रीब साढ़े पाँच छ बजे हैदराबाद में इस सूचना पर जश्न शुरु हो गया कि, हैदराबाद पुलिस ने एनकाउंटर में चारों संदेही आरोपियों को मार गिराया है। पुलिस ने एनकाउंटर को लेकर यह दावा किया कि, आरोपियों ने बेलचा लाठी से हमला किया और पिस्टल भी लूट ली थी।
अधिवक्ता जीएस मणि और मनोहर लाल शर्मा ने इस प्रकरण में चीफ़ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ में याचिका दायर कर आग्रह किया था कि,सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस की अगुवाई में स्वतंत्र जाँच हो।
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