अहमदाबाद! गुजरात में आज से से गुजरात संगठित अपराध एवं आतकंवाद नियंत्रण विधेयक (गुजसीटॉक) को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया। यह कानून महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर बना है। इसके तहत पुलिस को किसी का फोन टैप करके उसे अदालत में बतौर सबूत पेश करने सहित कई नई शक्तियां दी गई हैं| महाराष्ट्र के मकोका कानून के बाद गुजरात आतंकवाद निरोधक कानून वाला दूसरा राज्य बन गया है।
बता दें कि इस कानून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पांच नवंबर को मंजूरी दी थी। जबकि इससे पहले देश के तीन पूर्व राष्ट्रपतियों ने इस कानून में कोई न कोई तकनीकी खामी बताकर लौटा दिया था। इस विधेयक को पहली बार 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में गुजरात विधानसभा ने पारित किया था। लेकिन, राष्ट्रपति ने कुछ खामियां बताकर इस वापस लौटा दिया था। इसके लिए विशेष अदालत का गठन और लोक अभियोजकों की नियुक्ति भी की जाएगी।
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