अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पुलिस ने 10,000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर को कैंपस में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि 15 दिसंबर को कैंपस में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में काफी बवाल हुआ था। उधर, मुजफ्फरनगर में करीब एक हफ्ते बाद शनिवार को इंटरनेट से बैन हटा लिया गया।
एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने आरोप लगाया कि 15 तारीख को पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता की थी जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। बाद में यूपी पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक विडियो ट्वीट किया। साथ ही लिखा, 'हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि एएमयू गेट को किसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा नहीं तोड़ा गया था। यह विडियो इसकी पुष्टि करता है।'
गेट पर दिखे थे प्रदर्शनकारी
एएमयू कैंपस में 15 दिसंबर को हुई हिंसा के इस विडियो में सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी के गेट की तरफ दौड़ते हुए बढ़ते दिखे थे। गेट को जोर-जोर से हिलाकर तोड़ते हुए भी दिखे थे। यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों ने गेट को बंद कर दिया था लेकिन एएमयू के गेट पर खड़े प्रदर्शनकारी काफी उत्तेजित नजर आए।
विडियो में अलग कहानी
इस विडियो के बाद एसएसपी अलीगढ़ आकाश कुलहरी ने कहा था, 'विडियो में जो दिख रहा है वह सच्चाई बताता है। हमने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि एएमयू छात्र काफी आक्रोशित थे और जानबूझकर तनाव पैदा कर रहे थे। पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए हल्का बल प्रयोग किया। मामला कोर्ट में है।' 15 दिसंबर को एएमयू में सीएए को लेकर काफी हंगामा हुआ था। कैंपस में आंसू गैस के गोले दागे गए थे। इस दौरान एक छात्र का हाथ कट गया था।
एएमयू में कैंडल मार्च के दौरान 1200 पर केस
पुलिस की कार्रवाई का शिकार हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया और एएमयू के छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए 25 दिसंबर को कैंपस में कैंडल मार्च निकाला गया था। इस दौरान 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन के आरोप में यह मामला दर्ज किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.