बुधवार, 11 दिसंबर 2019

'चेचक' संवेदनशीलता में भारत भी शामिल

नई दिल्ली। एशिया को साल 1975 में वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन ने चेचक मुक्त बताया है लेकिन ऐसे संकेत सामने आ रहे हैं जो ये बताते हैं कि ये बीमारी वापस लौट आई है। इस बार यह बीमारी पहले से कहीं ज्यादा घातक रूप ले चुकी है। ये बीमारी महामारी के रुप में वापस आ चुकी है। आमतौर ये बीमारी इंफेक्शन और गंदगी से फैलती है। इससे पूरे शरीर में लाल और सफेद दाने निकल आते हैं। अफ्रीका, यूरोप और एशिया में ये बीमारी तेजी से फ़ैल रही है। ऐसा ही चलता रहा तो ये बीमारी घातक रूप ले सकती है। जो देश चेचक के लिहाज से सबसे संवेदनशील माने जा रहे हैं, उसमें भारत भी है, जहां हर साल अब भी लाखों लोग इससे इंफेक्टेड होते हैं।


अफ्रीका के ही एक और देश समोआ में इस समय इसे लेकर दहशत है। सरकार ने इमर्जेंसी घोषित कर दी है। देखते ही देखते 50 से ज्यादा बच्चे मौत के मुंह में समा चुके हैं। चिंता ये है कि ये बीमारी फिर पूरी दुनिया में पैर पसार रही है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़े कहते हैं कि दुनियाभर में चेचक के केसों में 300 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसका वायरस कहीं ज्यादा तीव्रता वाला और खतरनाक माना जा रहा है। अगर ये बीमारी फैल रही है तो इससे बचाव के लिए टीके जरूर लगवाएं।


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