उन्नाव। हसनगंज थाना क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता की मौत मामले में मंगलवार की दोपहर सपा पूर्व सीएम अखिलेश यादव पीड़िता के घर पहुंचे। उन्होंने पीड़िता के परिजनों से बातचीत कर हालचाल लिया। अखिलेश ने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए आरोपित को सजा दिलवाए जाने की बात कही। पीड़ित परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक दिया। उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार दुष्कर्म, लूट व चोरी की वारदातें बढ़ती ही जा रहा है। सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में अक्षम साबित हो रही है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव के 12.44 मिनट पर दुष्कर्म पीड़िता के गांव पहुंचते ही सपा पदाधिकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। दस मिनट पर परिजनों से मुलाकात करने के बाद पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद करते हुए चेक प्रदान किया। उसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि परिजनों को न्याय नहीं मिला तो सपा पदाधिकारी धरना प्रदर्शन करेंगे। पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए बोले कि अगर पुलिस सजग होती तो घटना नहीं होती। पीड़िता चौकी से लेकर सीएम तक न्याय के लिए गुहार लगाती रही। मगर उसे न्याय नहीं मिला तो घटना को अंजाम दे डाला था। बिल के विरोध प्रदर्शन को लेकर बोले कि सरकार झूठ बोल रही है। बिल भारतीय लोगों के लिए नुकसानदायक है। इस दौरान पूर्व सीएम के संग पूर्व विधायक उदयराज यादव, एमएलसी सुनील साजन आदि एक दर्जन पदाधिकारी मौजूद रहे।
बेटी की मौत के बाद मां की हालत बिगड़ी-
एसपी कार्यालय के अंदर खुद को आग लगाने से झुलसी दुष्कर्म पीड़िता की मौत के तीन दिन बाद मंगलवार की सुबह मां की हालत बिगड़ गई। जानकारी होने पर प्रशासन ने सीएचसी व पीएचसी के डॉक्टरों की छह सदस्यीय टीम सुबह पीड़िता के घर पहुंच गई। जहां जांच के बाद डॉक्टर से दवाईयां मुहैय्या करवाई गई। टीम में हसनगंज पीएचसी से डॉ. पवन, डॉ. पंकज, राजीव और मियांगंज पीएचसी से डॉ. राजेश वर्मा, शोयब निसार तथा मोहान पीएचसी से डॉ. सचिन आदि मौजूद रहे। डॉक्टरों के मुताबिक मां की सर्दी लगने से बीमार हुई और अब हालत सामान्य है।
सपा पदाधिकारियों से पुलिस की हुई नोंकझोंक-
सपा अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पहुंचने को लेकर सपा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव व एमएलसी सुनील साजन, पूर्व मंत्री सुधीर रावत व पूर्व विधायक उदय राज यादव तथा पदाधिकारी राजेश यादव, मंटू कटियार, राजेश मिश्र और डॉ. शकील आदि अपने वाहनों से पीड़िता के परिजनों से मिलने गांव जा रहे थे। पूर्व सीएम के आने को लेकर गांव में भारी मात्रा में फोर्स मौजूद था। वाहनों के गांव के अंदर घुसते ही तैनात फोर्स ने रोक दिया। जिसको लेकर सपा पदाधिकारियों व पुलिस कर्मियों के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई। मामला बढ़ने से पहले ही पुलिस बैकफुट पर आ गई और वाहनों को अंदर जाने की अनुमति दे दी। उसके बाद मामला शांत हुआ और सपा पदाधिकारियों ने पीड़िता के घर पहुंच कर उनके परिजनों का हालचाल लिया।
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