नई दिल्ली। साल 2019 के आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो चुकी है। देश के कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा दिखना शुरू हो चुका है। इसी बीच कुछ सूर्यग्रहण के कारण कुछ दुर्भागयपूर्ण मान्यताएं भी सामने आ रही हैं।
सूर्यग्रहण पर अंधविश्वास की हद पार, बच्चों को जमीन में गाड़ा
ऐसी ही एक मान्यता सामने आ रही कर्नाटक के गुलबर्गा से, जहां जिंदा बच्चों को जमीन में ही गाड़ दिया गया। दरअसल, यहां ऐसा माना जाता है कि दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक गाड़ने से वे दिव्यांगता से बाहर आ जाते हैं।
इन बच्चों की तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीर में साफ़ दिख रहा है कि बच्चों के पूरे शरीर को जमीन में मिट्टी के अंदर गाड़ दिया गया है। उनका सिर्फ चेहरा दिख रहा है। बता दें कि भारत में गुरुवार को सुबह करीब 8 बजे शुरू हुए इस ग्रहण का असर दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में पूजा का कार्यक्रम जारी है।
सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 36 मिनट:भारतीय समयानुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ हुआ जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी। सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी।
सूर्यग्रहण पर अंधविश्वास की हद पार, बच्चों को जमीन में गाड़ा
सूर्य ग्रहण को लेकर नासा की चेतावनी:सूर्य ग्रहण को अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने चेतावनी जारी की है। नासा ने कहा है कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की भूल ना करें। विकिरण से बचाने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।
सूरज ग्रहण की छाया: देश के अलग-अलग शहरों में सूर्य ग्रहण का नजारा दिखना शुरू हो गया है। तमिलनाडु के चेन्नई शहर में सूर्य ग्रहण का कुछ ऐसा नजारा दिख रहा है।
'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखा सूर्य ग्रहण:
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण एक आग की अंगूठी की तरह नजर आया है। वैज्ञानिक इसे 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दे रहे हैं। इस ग्रहण में सिर्फ सूरज का मध्य भाग ही छाया के क्षेत्र में आता है जबकि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित है। देश के अलग अलग हिस्सों में सूर्यग्रहण दिख रहा है। लोग इसे देखने के लिए उत्सुक नजर आए। सोशल मीडिया पर भी लोग तरह तरह की तस्वीरें डाल रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.