पूजा सिंह
लगता है राहुल गांधी ने ठान लिया है कि वह रह-रह कर बेतुके बयान देते ही रहेंगे। चंद दिनों पहले जब उन्होंने भारत को दुष्कर्म की राजधानी कहा था तब भी उनकी आलोचना हुई थी, लेकिन उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा। अब उन्होंने मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए यह कह दिया कि आज जहां देखो वहीं रेप इन इंडिया नजर आता है। यह एक अभद्र टिप्पणी है। उनके जैसे नेता को ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती, लेकिन शायद वह यह मान बैठे हैैं कि अमर्यादित भाषा ही उनकी राजनीति को धार देती है। हैरानी नहीं कि उनके सलाहकार भी ऐसा ही सोचते हों, क्योंकि यह पहली बार नहीं जब राहुल गांधी ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया हो।
उनकी भाषा किस तरह बिगड़ती चली जा रही है, यह सर्जिकल स्ट्राइक के समय खून की दलाली वाले बयान से भी साबित हुआ था और फिर आम चुनाव के वक्त उनकी ओर से उछाले गए चौकीदार चोर है नारे से भी। इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि वह प्रधानमंत्री के लिए बोलता है, देखता है जैसी शब्दावली इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करते। वैसे तो अपने देश में ऐसे नेताओं की कमी नहीं जो राजनीतिक शिष्टाचार का परिचय देने से इन्कार करते हैैं, लेकिन इसकी उम्मीद नहीं की जाती कि यही काम राहुल गांधी भी करें और वह भी बिना किसी शर्म-संकोच। आखिर वह अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्या संदेश दे रहे हैैं?
यदि राहुल गांधी अपनी राजनीति से कोई उम्मीद नहीं जगा पा रहे तो उसका एक बड़ा कारण उनके छिछले बयान भी हैैं। उन्होंने रेप इन इंडिया वाले अपने बयान के लिए माफी मांगने से इस तरह इन्कार किया, मानो कोई बहादुरी का काम कर दिखाया हो। उन्होंने माफी मांगने से इन्कार करते हुए यह आड़ ली कि एक समय नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली के बारे में ऐसा ही कुछ कहा था। क्या राहुल गांधी यह कहना चाह रहे हैैं कि वह मोदी का अनुसरण करना पसंद कर रहे हैैं?
सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस शासित राज्य और खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान उनकी ओर से परिभाषित किए गए रेप इन इंडिया का हिस्सा नहीं रह गए हैैं? नि:संदेह दुष्कर्म के मामले गहन चिंता का विषय हैैं, लेकिन यह कहना सस्ती राजनीति के अलावा और कुछ नहीं कि दल विशेष के कारण ऐसा हो रहा है। एक गंभीर सामाजिक समस्या पर ऐसी सतही सोच हैरान करती है। आखिर राहुल गांधी यह कैसे भूल सकते हैैं कि निर्भया कांड किसके शासनकाल में हुआ था? उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि दुष्कर्म की घटनाएं किसी राज्य विशेष तक सीमित नहीं हैैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.