शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

'अमन के दुश्मन' (संपादकीय)

'अमन के दुश्मन'    (संपादकीय)
नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से राष्ट्रीय सौहार्द में हस्तक्षेप होने का प्रभाव सभी नागरिकों को हो रहा है! नागरिकता विधेयक से सरकार के दोहरे मापदंड वाली मानसिकता का चित्रण अस्तित्व में आया है! समानता के अधिकार के विरुद्ध धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने का रास्ता निर्मित किया गया है! संवैधानिक मौलिकता के विरुद्ध विधेयक पारित किया गया है! मुस्लिम पक्ष अनदेखी से खफा है, ज्यादातर अज्ञानता वंश भयभीत भी, परंतु ऐसा कुछ नहीं है जिसका भय प्रतीत किया जाए! इस पूरे प्रकरण में राजनीति का वास्तविक चेहरा बेनकाब जरूर हुआ हैै! राष्ट्रीय विकास और निर्माण की नीति के साथ न्यायसंगत रुख अख्तियार नहीं किया गया है! संविधान की मूल भावना के विरुद्ध नियमों का संकलन और लागू करना राष्ट्र हित में नहीं हैै! संविधान के अनुसार यह विधेयक नागरिकता का समर्थन नहीं करता है! बल्कि यह समानता के अधिकार का हनन करने वाला है! मतदाता ध्रुवीकरण को आधार बनाकर राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से यह विधेयक लागू किया गया है! राष्ट्रीय नीति के अभाव के कारण पूर्वोत्तर में विरोध ने हिंसा का रूप धारण कर लिया है! पश्चिम बंगाल में विरोध इससे अधिक भयावह होने के आसार प्रबल हो गए हैं! पश्चिम बंगाल में यह अधिक बुरा असर डाल सकता है! राज्य का संचालन भी प्रभावित कर सकता है!सरकार की यह नीति जनविरोधी है! नागरिकों को संविधान के विरुद्ध चिंतित करने वाला विधेयक सरकार के कल्पित उद्देश्य के स्वरूप को उखेरने का कार्य कर रहा है! राजनीति में स्वार्थ की प्रधानता को आधार बनाकर किए गए कार्य से नागरिकों की शांति भंग हुई है! हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकार अयोग प्रकरण पर आवश्यक आकलन करेगा! परिणाम के प्रति निर्धारित समय अवधि का अभी निर्धारण नहीं किया गया है!


 राधेश्याम 'निर्भय- पुत्र'


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