जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में साल 2018 में पुलिस-नक्सलियों के मध्य हुई 101 मुठभेड़़ में पुलिस ने 65 नक्सलियों को मार गिराया, इसमें 18 जवानों को प्राणों की आहुतियां देनी पड़ी। इस दौरान छोटे-बड़े 128 हथियार बरामद किये गए। इस साल 304 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया, जिनमें 200 हार्डकोर अर्थात एक से पांच लाख के ईनामी नक्सली हैं। शेष जनमिलिशिया सदस्य कैटेगिरी के हैं। इस वर्ष पुलिस ने 475 नक्सलियों को दबिश के दौरान गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। इनमें 150 नक्सली, इनामी व हाडकोर स्तर के हैं।
नक्सलियों द्वारा पुलिस दल पर किए गए बारूदी विस्फोटों में 11 पुलिस कर्मियों की शहादत हुयी और मुठभेड़ में मात्र 07 जवान शहीद हुए। इसमें सर्वाधिक कांकेर जिले के माहला में 04 और बीजापुर जिले के केशकुतुल में हुयी मुठभेड़ में 01 जवान की शहादत हुयी। दंतेवाड़ा के पोटाली आईईडी ब्लास्ट में छह, कांकेर जिले के माहला में एक तथा बस्तर के पुसपाल में एक जवान की शहादत हुई। इधर नारायणपुर, सुकमा एवं कोण्डागांव जिले में पुलिस को कोई क्षति नहीं हुई। पुलिस ने मुठभेड़ एवं गिरफ्तारियों के वक्त नक्सलियों के कब्जे से 128 हथियार बरामद किये, जिनमें 20 इंसास, एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार शामिल हैं। इस वर्ष पुलिस ने 475 नक्सलियों को दबिश के दौरान गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। इनमें 150 नक्सली, इनामी व हाडकोर स्तर के हैं। गिरफ्तारियों एवं समर्पण के आकड़ों का ग्राफ गत वर्षों की तुलना में हालंकि गिरा है, जिसका मूल कारण पुलिस के निरंतर चौतरफा दवाब व आक्रामक शैली से नक्सली संगठन बेहद कमजोर व छिन-भिन्न हुआ है, जिससे नक्सली अपने संगठन का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं और ग्रामीण भी उनसे कन्नी काटने लगे हैं।
विगत 12 माह में बस्तर पुलिस ने नक्सलियों द्वारा गश्ती दल को क्षति पहुंचाने बिछाई गई 172 बारूदी सुरंगें (आईईडी) बरामद कर नक्सली मंसूबों को नाकाम कर दिया। नक्सलियों ने इस साल पुलिस पर हमला कर 7 बंदूकें लूटीं। सर्वाधिक 5 बंदूकें दंतेवाड़ा जिले में विधायक भीमाराम मण्डावी की हत्या के बाद ब्लास्ट में शहीद जवानों से लूटी गईं, जबकि बीजापुर जिले के केसकुतुल मुठभेड़ में 2 बंदूकें लूटीं. शस्त्र लूटने के आकड़ों में भी इस साल भारी गिरावट दर्ज हुई। पिछले साल नक्सली, पुलिस से 41 हथियार लूटकर ले गये थे. जबकि इस साल केवल 16 हथियार ही लूट पाये। संभाग में 45 निर्दोष, निरपराध व निरीह ग्रामीण नक्सली हिंसा का शिकार होकर प्राणों से हाथ धो बैठे। 2018 में 88 बेकसूर ग्रामीणों को प्राण गवाने पड़े थे।
मंगलवार, 31 दिसंबर 2019
101 मुठभेड, 18 जवान शहीद, 304 गिरफ्तार
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