हैदराबाद। सालों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत ने आज फैसला सुना दिया। इसके बाद इंतजार किया जा रहा था कि असदुद्दीन ओवैसी इस बारे में क्या कहते हैं। दोपहर होते होते उनका बयान भी सामने आ ही गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है, लेकिन दोषरहित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह फैसले से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें संविधान पर भरोसा है। बोले कि हम अपने हक के लिए लड़ रहे थे। हमें दान की पांच एकड़ जमीन की जरूरत नहीं है। इस प्रस्ताव को हमें अस्वीकार नहीं करना चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद नहीं गिरी होती तो कोर्ट का फैसला क्या आता? बोले कि छह दिसंबर के दिन क्या हुआ था? इसे हम अपनी आने वाली नस्लों को बताएंगे कि छह दिसंबर को अयोध्या में क्या हुआ था? बोले कि छह दिसंबर का मामला मुसलमानों का मुद्दा नहीं है? यह भारत का मामला है। बोले कि हमें मस्जिद के लिए दान की जमीन की जरूरत नहीं है, हम मस्जिद के लिए जमीन खरीद सकते हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी आज अपना असली रंग दिखा दिया है। कांग्रेस पार्टी पाखंडी और धोखेबाजों की पार्टी है। कहा कि अगर 1949 में मूर्तियों को नहीं रखा गया होता और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ताले नही खुलवाए होते तेा मस्जिद अभी भी होती। वहीं नरसिम्हा राव ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया होता तो मस्जिद अभी भी होती।
ओवैसी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जिन लोगों ने बाबरी मस्जिद गिराई, उन्हीं को कोर्ट ने ट्रस्ट बनाने और मंदिर निर्माण का जिम्मा सौंप दिया है। इससे साफ लगा रहा है कि यह देश अब हिंदू राष्ट्र की ओर आगे बढ़ रहा हैै। अब वे काशी और मथुरा पर भीअपना दावा ठोकेंगे। कहा कि राष्ट्रपति महत्मा गांधी के हत्यारों को वे कैसे भूल सकते हैंं।
AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, वह वकीलों की टीम को धन्यवाद देता हैं, साथ ही वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बात से सहमत हूं कि सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम है, लेकिन वह दोषरहित नहीं है, यानी अचूक नहीं है। बोले कि मुस्लिम समाज ने अपने वैधानिक हक के लिए संघर्ष किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.