नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनियों को एनपीए टैग के बिना बाधा रहित फंडिंग में सहयोग करने व अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के उस प्रस्तावों पर विचार करने की संभावना है, जिसमें बैंकों को कंपनियों को डिफॉल्ट व स्पेशल मेंशन अकाउंट (एसएमए) के रूप में वर्गीकृत करने का फैसला लेने की बात कही गई है।
अगर आरबीआई बैंकों को एनपीए या एसएमए खातों के टैग को अस्थायी रूप से हटाने के लिए एकमुश्त रोलओवर रियल्टी ऋणों की अनुमति देता है, तो यह उन परियोजनाओं के लिए मामले के आधार पर किया जाएगा जो एक उन्नत चरण में हैं, लेकिन पुनर्भुगतान के संकट के कारण रुकी हुई हैं। सूत्रों ने कहा कि यह पूरे उद्योग के लिए नहीं है, बल्कि अच्छी स्थिति वाली परियोजनाओं के लिए है, जिस पर आरबीआई द्वारा अधिकृत किए जाने के बाद बैंक वाणिज्यिक निर्णय लेंगे।
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