रायबरेली! भारत सरकार की मनचाहा स्वच्छ भारत योजना के नाम पर तो जमकर लूट मची पड़ी है! ग्रामीण क्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए घर घर कूड़ेदान तो लगाए गए परन्तु कूड़ेदान के नाम पर भी ऐसी लूट मची की संबंधित अधिकारी व ग्राम प्रधान दोनों हाथों से रुपयों को बटोरने में लग गए, वही अधिकारी है कि तथ्यों की जांच करने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ने में देरी नही लगा रहे हैं, और तो और डस्टबिन की सप्लाई ईट भट्ठे ने भी दिया है! अब सवाल यह उठता है कि क्या अब ईंट भठ्ठे भी अब डस्टबिन की सप्लाई देने लगे या फिर भाई सब गोलमाल है।
अब आपको ले चलते सिसवा विकासखंड के ग्राम होरीलापुर में ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिसमें स्वच्छता अभियान के तहत गांव को स्वच्छ रखने के लिए डस्टबिन क्रय किया गया, पूरे गांव में मुश्किल से 20 से 25 डस्टबिन ही लगाए गए और वेबसाइट पर दर्ज आकड़ो के अनुसार 147288/- रुपया खर्च कर डाला गया, वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार 21-08-18 को 97740/-रुपये का सिंह ईट उद्योग से डस्टबिन क्रय का भुगतान किया गया, 30-08-18 को 19548/-रुपये का व 20-12-19 को 3000/- रुपये का भी डस्टबिन क्रय भुगतान किया गया, यह किसे किया गया वेवसाईट पर दर्ज नही है, यानी दर्ज आकड़ो के अनुसार कुल 147288/- रुपये डस्टबिन क्रय का भुगतान किया गया, जब कि गांव के लोगों के मुताबिक 20 से 25 डस्टबिन ही गांव में लगाए गए, अगर गांव के लोगों की बात माने तो बाकी रुपया कहां चला गया, वही दूसरी तरफ देखे तो 21-08-18 को 97740/- रुपये डस्टबिन क्रय का भुगतान सिंह ईंट उधोग को वेवेसाइड में किया गया दर्शाया गया है, अब सवाल ये उठता है कि क्या ईंट भट्टे भी अब कूड़ेदान की सप्लाई करने लगे हैं, वैसे यह तो गले से नीचे उतरने वाला नहीं है, कही न कही पूरा गोलमाल जरुर लग रहा है।
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