देश हो या दुनिया जहां कहीं भी राजनीति का रंग जब-जब बदला है। इसने हमारे समाज को दो हिस्सों में बांट दिया है। भारत के इतिहास में ऐसी कई बातें आज भी जिंदा हैं, जो हिंदुस्तान के आने वाले नस्लों को पुकार-पुकार कर यह बताती रहेगी कि राजनीति का रंग कैसा होता है और राजनीति में नकारात्मकता का क्या असर होता है। समाज में राजनीति,सियासत का बहुत अहम रोल होता है। बग़ैर राजनीति के हम समाज की कल्पना बिल्कुल नहीं कर सकते हैं, लेकिन जब राजनीति में जहर भर जाता है तो फिर समाज को बंटने से कोई नहीं रोक सकता है।
आज के दौर में राजनीति का मतलब सत्ता और कुर्सी हो गया है। राजनीति का यही एक मकसद रह गया है कि कैसे कुर्सी हासिल की जाए और कुर्सी हासिल करने के बाद भ्रष्टाचार रोकने के बजाय राजनीति खुद भ्रष्टाचार का शिकार हो जाती है। राजनीति में ज़मीर का सौदा करके लाभ उठाना आम बात हो गई है। महाराष्ट्र की मिसाल सबके सामने है। अब सत्ता का रास्ता कैसे तय किया जाए ये नेता अपने हिसाब से तय करते हैं। ऐसे में उन मूल्यों को खत्म किया जा चुका है जिससे इंसानियत की पहचान होती है। मानवाधिकार का उल्लंघन बहुत साधारण बात हो गई है। लेकिन राजनीति के आगे सब बेबस हो जाते हैं। पुलिस की कार्रवाई हो, सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ एक्शन हो या फिर पत्रकारिता हो हर जगह राजनीति अपना काम करती रहती है।
हर देश में राजनीति का आधार समाज है। अगर समाज के लोग चाह ले तो सत्ता एक पल में बदल सकती है लेकिन राजनीति का यही वह बुरा पहलू है जहां हम खुद बंट जाते हैं। समाज जिसको बनाता है वही नेता समाज को बांट कर उसकी एकता और अखंडता को समाप्त कर देते हैं। फिर धर्म, जाति और वर्ग के नाम पर नफरत फैला कर सत्ता का सुख उठाते हैं। यह मानवाधिकार का हनन नहीं तो क्या है!
आज के दौर की राजनीति अब तक की राजनीति से सबसे ज्यादा खतरनाक और विषैली है। आज के दौर की राजनीति इस कदर गूंगी और बहरी हो गई है कि उसका कोई अपना महत्व और पहचान नहीं रह गयी है। सियासत के महारथी जाति और वर्ग के नाम पर सत्ता तय कर रहे है।मानव मूल्यों की कीमत ख़त्म हो चुकी है। संविधान के मूल्यों एवं महत्व के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में जनता को जागरूक रहने की जरूरत है क्योंकि अगर देश खुशहाल रहेगा तो जनता खुशहाल रहेगी । यदि देश में समस्या पैदा होगी तो उसका शिकार जनता होगी।
सैय्यद एम. अली तक़वी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.