रविवार, 17 नवंबर 2019

सरकार के खिलाफ आदिवासियों का नंगे पांव मार्च

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज भले ही आप रविवार को वीकेंड के तौर पर मनाने में डूबे हों, लेकिन छत्तीसगढ़ के आदिवासी सैकड़ों की तादाद में इस दोपहर भरी धूप के बाद भी नंगे पांव घूम-घूम कर अपनी मांगों को लेकर पद यात्रा निकालने में लगे हैं। दरअसल सरकार द्वारा आदिवासियों और जंगल वासियों के अधिकारों पर नीतिगत हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों ने 11 से 18 नवंबर तक मानपुर राजनांदगांव से रायपुर तक की पदयात्रा का ऐलान किया था और आज आदिवासियों की पदयात्रा रायपुर प्रवेश कर चुकी है।
इस वन स्वराज पदयात्रा में युवाओं, महिलाओं के साथ ही काफी तादाद में बुजुर्ग आदिवासी भी सम्मिलित हुए हैं। वन स्वराज पदयात्रा में शामिल होने वाले आदिवासी एक सुर में सरकार के नीतिगत फैसलों का विरोध कर रहे हैं वहीं सरकार के कई आदिवासी मंत्रियों पर दलाली का भी आरोप लगा रहे हैं। नंगे पांव सरकार के पास पहुंच करी आदिवासी अपनी मांगों को लेकर आवाज मुखर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उनकी आवाज को सुनना पड़ेगा, वे इस दमन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राज्यपाल से मुलाकात की तैयार: वन स्वराज पदयात्रा में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनकी मुलाकात प्रदेश के राज्यपाल से कल होने वाली है। इस दौरान वो प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख को अपनी मांगों और अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे, वहीं आदिवासियों के मामलों को लेकर राज्यपाल से गुहार लगाई जाएगी।


वन अधिकार संघर्ष समिति राजनांदगांव के बैनर तले यह पूरी पदयात्रा और रैली निकाली जा रही है। जिसमें काफी तादाद में 'आरपार को हैं तैयार, लेकर रहेंगे वन अधिकार' के नारे के साथ सैकड़ों की तादाद में आदिवासी रायपुर कूच कर चुके हैं। साथ ही वनाधिकार संघर्ष समिति राजनांदगांव और सभी जन संगठनों ने इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए प्रदेशभर के आदिवासियों से अपील की है।


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