नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सूना दिया है। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल फैसला दिया था। अदालत ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी, अदालत के इसी फैसले पर कई पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थी। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट कुल 65 याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाएगा, इनमें 56 पुनर्विचार याचिका, 4 नई याचिका और 5 ट्रांसफर याचिकाएं हैं।
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आर.एफ. नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा कर रहे हैं। पीठ ने 6 फरवरी को अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। पुनर्विचार याचिकाओं में फैसला देते समय पांच जजों की बेंच में से 3 जजों का मानना था कि इस मामले को सात जजों की बेंच को भेज दिया जाए। लेकिन जस्टिस नरीमन और जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे अलग विचार रखे। अंत में पांच जजों की बेंच ने 3:2 के फैसले इसे 7 जजों की बेंच को भेज दिया। हालांकि, सबरीमाला मंदिर में अभी महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी। जस्टिस नरीमन ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही अंतिम होता है। फैसला अनुपालन करना कोई विकल्प नहीं है। संवैधानिक मूल्यों की पूर्ति करना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए।
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