जीतेन्द्र श्रीवास्तव
सुल्तानपुर। पैसे के लिए रिश्ते की तिलांजलि देने वाले माँ बाप व भाई को साजिश करके युवती को मौत के लिए मजबूर करने व सबूत नष्ट करने का फास्ट ट्रैक कोर्ट पूनम सिंह ने दोषी करार दिया था उन्हें सोमवार को सजा सुनाई गई।माँ बाप को दस दस व भाई को तीन साल की सजा सुनाई गई।इस मामले की मृत पीड़िता ने गैंगरेप का मुकदमा लिखाया था जिसमे सपा के पूर्व विधायक को भी शामिल होने का आरोप लगाया था जो बाद में निर्दोष पाए गए।
घटना क्षेत्र के जयसिंहपुर थाना अंतर्गत चोरमा गांव की है।11 फरवरी 2017 को नेहा पुत्री राजेन्द्र सिंह ने 100 डायल को सूचना दी कि उसकी बहन शौच के लिए गयी थी वापस नही लौटी। पुलिस पहुंची तो पिता राजेन्द्र सिंह, माँ बेबी सिंह व भाई अनूप सिंह ने आशंका जताया कि क्षेत्रीय विधायक अरुण वर्मा ने हत्या कराई है। मामला हाई फाई हो गया क्योंकि प्रिया नाबालिग रहते 2013 में एक गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमे विधायक को भी शामिल होने की बात कही थी उसी मामले में वह गवाह थी।
पोस्टमॉर्टेम में हत्या किए जाने की पुष्टि होने पर पुलिस ने सतर्कता से जाँच शुरू किया तो पता चला कि गैंगरेप मामले में जो सरकारी सात लाख रुपये की मदद राशि मिली थी उसी को हड़पने के लिए हत्या की गई है। विवेचना में यह भी तथ्य प्रकाश में आया माँ बाप व भाई ने हत्या करके लाश को छिपाने व साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की थी। साथ ही तीनो ने दोबारा विधायक पर पीड़ित गवाह की हत्या में फंसाकर पैसा वसूलने को मंशा थी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल व चार्जशीट कोर्ट भेजा। गवाही चली तो प्रिया के पति राहुल निवासी इमिलिया ने भी गवाही दी कि गैंगरेप की बात छिपकर उससे शादी की गई।उसकी पत्नी का पैसा हजम करने की बात सत्य है।
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तारकेश्वर सिंह ने दर्जन भर गवाह पेश कर अभियोजन की सत्यता साबित की। जबकि मुल्जिमो के वकील ने फर्जी फंसाये जाने की बात कही। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों व उभयपक्ष की बहस के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया जिसमें पति पत्नी व बेटे को साजिश करके मौत के लिए मजबूर करने और साक्ष्य छिपाने का दोषी ठहरा कर जेल भेज दिया है था उन्हें आज सजा सुनाई गई।
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