रविवार, 10 नवंबर 2019

राज्य में राष्ट्रपति शासन,जनादेश का अपमान

मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजे आने के 16 दिन बाद भी सरकार गठन को लेकर भाजपा-शिवसेना में सहमति नहीं बन पाई है। शिवेसना सांसद संजय राउत ने कहा, ''अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगता है तो यह जनादेश का अपमान होगा। महाराष्ट्र न तो झुक रहा है, न दिल्ली के सामने कभी झुकेगा। भाजपा से आगे न पीछे, न अंडरग्राउंड किसी भी तरह से कोई बात नहीं हुई है।''


राज्य की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कल (9 नवंबर) खत्म हो रहा है। फिलहाल, ऐसे में सरकार गठन को लेकर चल रहे प्रयासों का आज अंतिम दिन माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं।इसके बारे में पूछने पर राउत ने कहा, ''गडकरी जी का घर मुंबई के वर्ली में है। उन्हें यहां आने से कोई नहीं रोक सकता। अगर उनके पास शिवसेना को ढाई साल मुख्यमंत्री पद देने का कोई खत हो तो यह जानकारी में उद्धवजी को दे दूंगा।'' शिवसेना ने साफ कर दिया कि शुक्रवार यानी आज वह राज्यपाल से मुलाकात नहीं करेगी। राउत ने कहा कि हम राज्यपाल के अगले निर्णय का इंतजार करेंगे।


शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे होटल में ठहरे विधायकों से मिलने पहुंचे। इसके अलावा वरिष्ठ नेता रामदास कदम और एकनाथ शिंदे भी होटल पहुंचे। तीनों नेताओं ने करीब 90 मिनट तक विधायकों से बातचीत की। बताया जा रहा है कि विधायक अगले 2 दिन तक और इसी होटल में रहेंगे।


उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी विधायकों की बैठक के बाद सभी विधायकों को होटल भेज दिया गया। एक घंटे तक चली इस बैठक में शिवसेना विधायक सत्ता भागीदारी के 50-50 फॉर्मूला पर अड़े रहे। उद्धव ने कहा कि हम भाजपा से गठबंधन तोड़ने का इरादा नहीं रखते हैं, लेकिन भाजपा को उस समझौते पर बने रहना होगा, जो लोकसभा चुनाव से पहले किया गया था।


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