गुरुवार, 21 नवंबर 2019

राजपत्रित-अधिकारी करेंगे पत्रकारों की जांच

लखनऊ। प्रदेश में पत्रकारों पर पुलिस के बढ़ते कहर को देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गंभीर नजर आ रहे हैं। उनके निर्देशानुसार पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में कहा कि पत्रकार के मामले में जब तक कोई राजपत्रित अधिकारी जांच कर रिपोर्ट नहीं देगा तब तक कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने कहा है कि जब भी कोई पत्रकार थाना, चौकी या कार्यालय में पहुंचे तो उसे उचित सम्मान दें साथ ही यह भी स्पष्ट आदेश दिया है कि पत्रकारों तथा उनके परिजनों के विरूद्ध कोई प्रकरण आने पर अकारण उन्हें झूठे केसों में किसी भी कीमत पर न फंसाया जाये। यह भी आदेश दिया कि पत्रकारों और उनके परिजनों के विरूद्ध कोई प्रकरण आये तो पहले किसी राजपत्रित अधिकारी से जांच करायी जायेगी उसके बाद ही कोई भी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पत्रकारों की समस्या के निस्तारण के लिए अलग से एक सक्षम अधिकारी को नियुक्त किया जायेगा। यह निर्णय उन्होंने भारतीय पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवाकर सिंह की पहल पर लिया गया है। उन्हांने पत्रकारों पर बढ़ रहे अत्याचार को लेकर प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात की थी। बताया था कि प्रदेश में कई वरिष्ठ पत्रकारों को झूठे केसों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया इससे लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कही जाने वाली मडिया के साथ अन्याय हुआ है। उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों को कड़े आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे।


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